राजकीय शिक्षकों की भर्ती पर लटकी तलवार
सरकार ने रद्द करने का बनाया मन
भर्ती के लिए नये सिरे से बनायी जाएगी नियमावली अब मेरिट की बजाय लिखित परीक्षा से होगी भर्ती
प्रदेश के राजकीय इंटर कालेजों में 9342 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर तलवार लटक गयी है। सपा सरकार के दौरान शुरू हुई इस भर्ती प्रक्रिया को राज्य सरकार ने पूरी तरह से रद करने का मन बना लिया है। भर्ती के लिए नियमावली तैयार करायी जा रही है। अब मेरिट की बजाय लिखित परीक्षा से भर्ती होगी।यह भर्ती विषयवार होनी थी और अपर निदेशक को चयन प्रक्रिया की जिम्मेदारी दी गयी थी, लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने से भर्ती प्रक्रिया बीच में ही रोक दी गयी। इस बीच यूपी में सत्ता बदल गयी और सपा की जगह भाजपा की सरकार आ गयी। नई सरकार के तीन महीने होने के बाद भी शिक्षकों की पुरानी भर्ती प्रक्रिया को हरी झण्डी नहीं मिल पायी है। अब इसको रद करने की तैयारी चल रही है। विभाग के जानकार सूूत्रों का कहना है कि नई सरकार चयन प्रक्रिया को पारदर्शी व गुणवत्तापरक बनाने के पक्ष में है। इसके लिए नियमावली में बदलाव किया जा रहा है। पूर्ववर्ती चयन प्रक्रिया में जहां शिक्षक भर्ती मेरिट के आधार पर होनी थी, वहीं अब विशेष परीक्षा आयोजित करने के लिए नियमों में बदलाव किया जा रहा है। इसके बाद राज्य अधीनस्थ चयन सेवा, लोक सेवा आयोग या अलग बोर्ड बनाकर भर्ती किया जाएगा। इस पर भी मंथन चल रहा है और संभव है कि नई नियमावली में इन सभी के प्रावधान किये जाएं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 225 राजकीय इंटर कालेजों व 361 राजकीय बालिका विद्यालयों को मिलाकर प्रधानाचायरे के 586 पद स्वीकृत हैं, लेकिन सिर्फ 79 ही कार्यरत हैं, ऐसे में 507 पदों पर भर्ती होनी थी। प्रधानाचार्य के इतर अन्य प्रधानाध्यापक-अध्यापिका, प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक वेतनक्रम को मिलाकर स्वीकृत 17084 पदों में 7742 कार्यरत हैं, जबकि रिक्त 9342 पदों पर चयन प्रक्रिया शुरू की गयी थी। इसके लिए साढ़े छह लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, इन सभी को नये सिरे से भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिलेगा या नहीं, इसको लेकर भी संशय बरकरार है।
द कमल तिवारीलखनऊ। एसएनबी
सरकार ने रद्द करने का बनाया मन
भर्ती के लिए नये सिरे से बनायी जाएगी नियमावली अब मेरिट की बजाय लिखित परीक्षा से होगी भर्ती
प्रदेश के राजकीय इंटर कालेजों में 9342 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर तलवार लटक गयी है। सपा सरकार के दौरान शुरू हुई इस भर्ती प्रक्रिया को राज्य सरकार ने पूरी तरह से रद करने का मन बना लिया है। भर्ती के लिए नियमावली तैयार करायी जा रही है। अब मेरिट की बजाय लिखित परीक्षा से भर्ती होगी।यह भर्ती विषयवार होनी थी और अपर निदेशक को चयन प्रक्रिया की जिम्मेदारी दी गयी थी, लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने से भर्ती प्रक्रिया बीच में ही रोक दी गयी। इस बीच यूपी में सत्ता बदल गयी और सपा की जगह भाजपा की सरकार आ गयी। नई सरकार के तीन महीने होने के बाद भी शिक्षकों की पुरानी भर्ती प्रक्रिया को हरी झण्डी नहीं मिल पायी है। अब इसको रद करने की तैयारी चल रही है। विभाग के जानकार सूूत्रों का कहना है कि नई सरकार चयन प्रक्रिया को पारदर्शी व गुणवत्तापरक बनाने के पक्ष में है। इसके लिए नियमावली में बदलाव किया जा रहा है। पूर्ववर्ती चयन प्रक्रिया में जहां शिक्षक भर्ती मेरिट के आधार पर होनी थी, वहीं अब विशेष परीक्षा आयोजित करने के लिए नियमों में बदलाव किया जा रहा है। इसके बाद राज्य अधीनस्थ चयन सेवा, लोक सेवा आयोग या अलग बोर्ड बनाकर भर्ती किया जाएगा। इस पर भी मंथन चल रहा है और संभव है कि नई नियमावली में इन सभी के प्रावधान किये जाएं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 225 राजकीय इंटर कालेजों व 361 राजकीय बालिका विद्यालयों को मिलाकर प्रधानाचायरे के 586 पद स्वीकृत हैं, लेकिन सिर्फ 79 ही कार्यरत हैं, ऐसे में 507 पदों पर भर्ती होनी थी। प्रधानाचार्य के इतर अन्य प्रधानाध्यापक-अध्यापिका, प्रवक्ता व प्रशिक्षित स्नातक वेतनक्रम को मिलाकर स्वीकृत 17084 पदों में 7742 कार्यरत हैं, जबकि रिक्त 9342 पदों पर चयन प्रक्रिया शुरू की गयी थी। इसके लिए साढ़े छह लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, इन सभी को नये सिरे से भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिलेगा या नहीं, इसको लेकर भी संशय बरकरार है।
द कमल तिवारीलखनऊ। एसएनबी
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