परिषदीय विद्यालयों के जूनियर हाई स्कूल में पढ़ाई जाने वाली पुस्तकों का पाठ्यक्रम सीबीएसई बोर्ड के 10वीं कक्षाओं के समकक्ष है। समयोजन का नए आदेश के अनुसार एक विद्यालय पर एक प्रधानाध्यापक और दो सहायक की तैनाती का प्रावधान है। अगर इस आदेश का पालन होता है तो गणित, विज्ञान, हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी व सामाजिक विषय की पढ़ाई कैसे होगी।
शासन की मंशा थी कि प्रदेश के सभी जूनियर हाईस्कूलों में विज्ञान और गणित की पढ़ाई बेहतर हो। इसके लिए पिछले वर्ष गणित एवं विज्ञान के विशेषज्ञ शिक्षकों की तैनाती जूनियर हाईस्कूलों में की गई। इस वर्ष समायोजन के लिए आए बेसिक शिक्षा विभाग के अनूठे आदेश ने शासन की उस मंशा पर पानी फेर दिया है। ऐसे समायोजन से जूनियर हाईस्कूल साक्षरता केन्द्र बन जाएंगे।समायोजन के आदेश से ऐसे शिक्षक ही सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। जो विषय विशेषज्ञ है। शासन द्वारा जारी समयोजन के निर्देश में इन विषयों के शिक्षकों के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। जब कि इससे पहले जब भी समायोजन के आदेश आए है। उनमें गणित एवं विज्ञान विषय के शिक्षकों को समायोजन से मुक्त रखा गया है। समायोजन में विद्यालय पर तैनात सबसे जूनियर शिक्षक को हटाने का आदेश है। जब कि आरटीई के अनुसार 101 से अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालय पर विज्ञान, गणित के साथ भाषा और समाजिक विषय के शिक्षक की तैनाती का भी प्राविधान है। इस शासनादेश में इसकों अनदेखी करते हुए अधिकतर शिक्षकों का नाम समायोजन सूची में डाल दिया गया है।जिले के करीब 800 जूनियर हाई स्कूलों में पिछले वर्ष करीब 500 विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की तैनाती की गई थी। इसके अलावा नई नियुक्ति के दौरान भी कुछ और विशेषज्ञ शिक्षकों को तैनात किया गया था। ऐसे में अधिकतर विद्यालयों में तैनात विषय विशेषज्ञ शिक्षक ही जूनियर है और समायोजन की सूची में इनका नाम शामिल है। प्रभारी बीएसए ब्रrाचारी शर्मा ने बताया कि समायोजन की सूची सभी ब्लाकों पर चस्पा कर दी गई है। अगर किसी शिक्षक को आपत्ति है तो वो प्रार्थना पत्र के माध्यम से अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है।
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