जागरण संवाददाता, लखनऊ : आरटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई सूची में एक नहीं तमाम अनियमितताएं सामने आई हैं। निर्धन बच्चों को ऐसे स्कूल एलॉट कर दिए गए, जो कोसों दूर हैं या उनकी प्राथमिकता सूची में शामिल ही नहीं। हद तो तब हो गई जब विभाग द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए निजी स्कूल की जगह सरकारी व एडेड स्कूल एलॉट कर दिए गए। विभाग की इस कारस्तानी का खामियाजा बच्चों व अभिभावकों को भुगतना पड़ेगा।1मंगलवार को जिला बेसिक शिक्षा विभाग में आरटीई की सूची में अपने बच्चों का नाम देखने के लिए अभिभावकों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी। अपने लाडले का नाम ढूढ़ने में माताओं को खासी मशक्कत करनी पड़ी, जिनका नाम सूची में था, वह तो काफी खुश नजर आए। पर कई अभिभावकों का कहना था कि उनके बच्चे का नाम न तो दाखिला सूची में हैं और न ही रिजेक्ट लिस्ट में।1सर, जो स्कूल मांगा था, वह तो मिला ही नहीं : अभिभावक सनी कुमार कहते हैं कि उन्होंने बच्चे के दाखिले के लिए उन्होंने विकल्प के तौर पर उन्होंने 10 निजी स्कूल के नाम दिए थे, जबकि उन्हें भारतीय विकास विद्यालय थमा दिया। सनी का कहना है कि इससे पहली सूची में तो उन्हें रेलवे का स्कूल एलॉट कर दिया गया था।1मछली मोहल्ला निवासी अभिभावक उजमा सिद्दीकी ने बताया कि उन्होंने दाखिले के चार स्कूलों का विकल्प दिया था। मगर उनमें से किसी एक भी स्कूल को एलॉट न करते हुए बेबी कान्वेंट स्कूल एलॉट कर दिया।1अभिभावक परेशान, कर्मचारी रहे गायब : अभिभावकों के सवालों व आशंकाओं को दूर करने के बजाय बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी कुर्सी छोड़कर गायब हो गए। महिला अभिभावक घंटों उनके आने का इंतजार करते रहे।
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