जागरण संवाददाता, बरेली : स्कूल चलो अभियान की रैली में शामिल जागरूकता रथ के जरिये संदेश दिया गया। अल्पसंख्यक व निम्न आय वर्ग के परिवारों के आउट ऑफ स्कूल बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अभिभावकों को प्रेरित किया गया। 1 सामुदायिक व सहभागिता शिक्षा के जिला समन्वयक राकेश बाबू माथुर ने बताया, रैली के बाद जागरूकता रथ रथ बालजती इलाके में पहुंचा। वहां पहुंचकर परिषदीय स्कूलों में सुरक्षित माहौल में प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा पढ़ाई की व्यवस्था, निश्शुल्क किताबें व ड्रेस, मध्यावकाश में पका पकाया भोजन मिलने, कंप्यूटर प्रशिक्षण, पुस्तकीय ज्ञान के साथ मानसिक तार्किक व सामान्य की शिक्षा, नैतिक व चरित्रवान बनाने की शिक्षा, भेदभाव रहित तनाव मुक्त व दंड मुक्त शिक्षा, विद्यालय प्रबंध समितियों का सकारात्मक योगदान, पुस्तकालय की व्यवस्था, विज्ञान लैब आदि सुविधाओं के बारे में अभिभावकों को बताया गया।अधिकारियों ने रैली को झंडी दिखाकर बच्चों को स्कूल तक लाने की मुहिम की औपचारिकता निभा ली मगर दूसरी तस्वीर हकीकत बयां कर रही है। स्कूल के सामने से गुजरता यह बच्च कभी कक्षा में नहीं पहुंचा। दो जून की रोटी कमाने के लिए वह सड़कों से कबाड़ बीनता है ’ उमेश शर्मासीमित संसाधनों में आगे बढ़ने की नसीहत1बेसिक शिक्षा विभाग ने गुरुवार को स्कूल चलो अभियान रैली निकाली। जीआइसी से रैली का शुभारंभ एडीएम, डीआइओएस, बीएसए, जिला समन्वयक सामुदायिक शिक्षा व सहभागिता सहित अन्य अधिकारियों ने गुब्बारे उड़ाकर व हरी झंडी दिखाकर किया। नामांकन बढ़ाने के लिए परिषदीय व अन्य स्कूलों के बच्चों ने हाथों में बैनर पोस्टर लेकर जन-जागरण किया। नावल्टी, अयूब खां चौराहे होते हुई रैली मैथोडिस्ट इंटर कॉलेज पर आकर समाप्त हुई।एसी गाड़ी से नीचे नहीं उतरीं बीएसए1रैली में जहां बच्चे जागरूकता संदेश देने की जिम्मेदारी उठाए रहे। वहीं, शिक्षक व कर्मचारी सेल्फी लेने में व्यस्त रहे। बीएसए चंदना राम इकबाल यादव तो पूरी रैली में एसी गाड़ी से नीचे नहीं उतरी। शुभारंभ व समापन स्थल पर ही नजर आई। जबकि बच्चे चिलचिलाती धूप में पैदल चलकर स्कूल चलो अभियान नारा बुलंद करते नजर आए। समापन स्थल पर भी अव्यवस्थाएं हावी रही।
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