DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Tuesday, July 11, 2017

बरेली : मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद भी परिषदीय विद्यालयों में नहीं टूट रही तंद्रा, नहीं मिल सकी समय पर ड्रेस और किताबें

बरेली1सपा सरकार के दौर में परिषदीय स्कूलों में समय पर डेस, किताबें नहीं मिली थी। मध्यावकाश भोजन का भी हाल बुरा था। नई सरकार बनी तो उम्मीद बंधी कि समय पर सत्र शुरू होगा। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में निर्देश भी दिए। पर दैनिक जागरण ने सोमवार को जब परिषदीय स्कूलों का सिलसिलेवार जायजा लिया तो पोल खुल गई। बच्चों के हाथों में किताबें तो नहीं दिखी बल्कि कही बोरे में बंद डेस तो कही क्लासरूम में जड़ा हुआ ताला जरूर मिला। मिड-डे-मील वितरित किए बिना ही शिक्षक हस्ताक्षर करते मिले। शिक्षिका व प्रदेश का नाम तक बच्चे नहीं बता सके। वहीं, महकमे के अफसर जानबूझकर अनजान बने और आंकड़ों की बाजीगरी कर कागजों का पेट भरते नजर आए। 1सीएम ने ये सुनाया था फरमान 1मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फरमान भी सुनाया था, परिषदीय स्कूलों में सत्र शरू होते ही बच्चों के हाथों में किताबें होंगी। कंधे पर झोला होगा। रंगीन ड्रेस में बच्चे नजर आएंगे। दोपहर में मध्यावकाश का मुंह में निवाला होगा। सूबे के मुखिया की इस मंशा पर जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग ने फेर दिया है। 1प्रशांत गौड़ ’ बरेली1सपा सरकार के दौर में परिषदीय स्कूलों में समय पर डेस, किताबें नहीं मिली थी। मध्यावकाश भोजन का भी हाल बुरा था। नई सरकार बनी तो उम्मीद बंधी कि समय पर सत्र शुरू होगा। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में निर्देश भी दिए। पर दैनिक जागरण ने सोमवार को जब परिषदीय स्कूलों का सिलसिलेवार जायजा लिया तो पोल खुल गई। बच्चों के हाथों में किताबें तो नहीं दिखी बल्कि कही बोरे में बंद डेस तो कही क्लासरूम में जड़ा हुआ ताला जरूर मिला। मिड-डे-मील वितरित किए बिना ही शिक्षक हस्ताक्षर करते मिले। शिक्षिका व प्रदेश का नाम तक बच्चे नहीं बता सके। वहीं, महकमे के अफसर जानबूझकर अनजान बने और आंकड़ों की बाजीगरी कर कागजों का पेट भरते नजर आए। 1सीएम ने ये सुनाया था फरमान 1मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फरमान भी सुनाया था, परिषदीय स्कूलों में सत्र शरू होते ही बच्चों के हाथों में किताबें होंगी। कंधे पर झोला होगा। रंगीन ड्रेस में बच्चे नजर आएंगे। दोपहर में मध्यावकाश का मुंह में निवाला होगा। सूबे के मुखिया की इस मंशा पर जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग ने फेर दिया है। 1केस एक1जूनियर हाईस्कूल मॉडल किशोर बाजार 1पिछली सरकार द्वारा एमडीएम खाने के लिए बांटे जाने वाले बर्तनों का भंडार छठी कक्षा में रखा होने के कारण कक्ष में ताला पड़ा हुआ था। सातवीं कक्षा में वर्तमान सत्र की किताबों का भंडार ग्रह था। तीनों कक्षाओं के चंद बच्चे आठवीं कक्षा में बैठे मिले।केस दो 1जूनियर हाईस्कूल कोहाड़ापीर 1बिना एमडीएम लिए कागजों पर हस्ताक्षर करती हुई हेड मिली। मौसमी फल केले को महज वितरण कर औपचारिकता निभाई गई। सब्जी नुमा पानी में सोयाबीन बरी तैरती मिली। चावलों की गुणवत्ता भी खराब मिली। स्कूल चलो अभियान की तैयारियों में शिक्षिकाएं लगी थी, कक्षाओं में शिक्षण व्यवस्था चौपट थी।केस चार1प्राइमरी स्कूल शाहबाद1बच्चे मध्यावकाश में खेलते मिले। शिक्षिकाएं रैपिड सर्वे, बीएलओ डयूटी का कार्य करती मिली। इनके कारण प्रभावित हो रही शिक्षण व्यवस्था से परेशान दिखी। पुराने सत्र की भांति बच्चे खाकी डेस पहने दिखे। कक्षाओं में रखे बैगों में नई किताबें नहीं मिली। वाबजूद इसके पिछली सत्र की छात्र संख्या से ज्यादा वर्तमान सत्र में नामांकन मिला।केस पांच1जूनियर हाईस्कूल भूड़ 1यहां शिक्षण व्यवस्था बेहद खराब मिली। सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे शिक्षिका के नाम की अंग्रेजी व प्रदेश का नाम नहीं बता सके। इतने पर भी शिक्षक-शिक्षिकाएं बेहतर शिक्षण व्यवस्था का दावा करते रहे। हालांकि तीनों कक्षाओं में गत सत्र की छात्र संख्या के बराबर वर्तमान में नामांकन मिला।1केस तीन1प्राइमरी स्कूल कोहाड़ापीर 1गत सत्र की डेस पहने हुए बच्चे कक्षाओं में बैठे मिले पर हाथों में किताबें नहीं दिखीं। वर्तमान सत्र में पहने जाने वाली ड्रेस रेडीमेड खरीदी गई थी। ये रंगीन ड्रेस दर्जी से फिटिंग कराने के लिए बोरे में बंद करके रखी मिली। पिछले सत्र के मुकाबले छात्र संख्या भी कम मिली।किशोर बाजार स्कूल के एक कक्ष में ताला पड़ा मिला ’ जागरणसोमवार को बांटे गए मिड डे मील का हाल ’शैक्षिक सत्र शुरू हुआ है। व्यवस्था का जायजा लिया जा रहा है। अव्यवस्थाओं पर संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएंगी। शासन की मंशा के लिहाज से ही व्यवस्थाएं संचालित की जाएंगी।1शशि देवी शर्मा, एडी बेसिककोहाड़ापीर के स्कूल में बोरे में बंद ड्रेस ’शाहबाद प्राइमरी स्कूल में मिड-डे-मील खाने के बाद प्लेट घोता बच्चा ’ जागरणमॉडल किशोर बाजार के जूनियर हाईस्कूल में सातवीं कक्षा के क्लास रूम में वर्तमान सत्र की रखी किताबें ’ जागरण

No comments:
Write comments