यह राहत की बात है कि देश में कम से कम एक राज्य ने तो स्कूली बच्चों के शरीर-मन पर बुरा असर डाल रही एक समस्या पर संजीदगी दिखाई है। वरना तो अभी हाल यह है कि बस्तों के वजन को लेकर न तो स्कूल गंभीर हैं और न सरकारें, हालांकि इस बारे में अमल में लाने लायक सिफारिशों का उनके सामने ढेर लगा हुआ है। कहीं ऐसा इसलिए तो नहीं है कि बच्चे उनके चुनावी अजेंडे में नहीं आते।
तेलंगाना में बस्ते के बोझ से आजादी• पीटीआई, हैदराबाद
बच्चों को भारी बस्ते के बोझ से निजात दिलाने की दिशा में मिसाल पेश करते हुए तेलंगाना सरकार ने स्कूल बैग्स के वजन की लिमिट तय कर दी है। देशभर में स्कूली बच्चों की पीठ पर बस्ते का बढ़ता बोझ चिंता का विषय रहा है। बच्चों के स्वास्थ्य पर इससे पड़ने वाले बुरे प्रभावों के मद्देनजर तेलंगाना ने यह कदम उठाया है। राज्य सरकार ने इस बारे में मंगलवार को जारी आदेश में प्राइमरी से लेकर कक्षा-10 तक के छात्रों के लिए स्कूल बैग के अधिकतम भार की सीमा तय कर दी है। तेलंगाना के कुछ जिलों में स्कूली बच्चे फिलहाल प्राथमिक कक्षाओं में 6 से 12 किलोग्राम का बैग ढो रहे हैं, तो वहीं उच्चतर कक्षाओं में तो छात्र 17 किलोग्राम तक वजनी बैग ढो रहे हैं।
हर क्लास के स्कूल बैग के वजन की अधिकतम सीमा तय की
तेलंगाना में बस्ते के बोझ से आजादी• पीटीआई, हैदराबाद
बच्चों को भारी बस्ते के बोझ से निजात दिलाने की दिशा में मिसाल पेश करते हुए तेलंगाना सरकार ने स्कूल बैग्स के वजन की लिमिट तय कर दी है। देशभर में स्कूली बच्चों की पीठ पर बस्ते का बढ़ता बोझ चिंता का विषय रहा है। बच्चों के स्वास्थ्य पर इससे पड़ने वाले बुरे प्रभावों के मद्देनजर तेलंगाना ने यह कदम उठाया है। राज्य सरकार ने इस बारे में मंगलवार को जारी आदेश में प्राइमरी से लेकर कक्षा-10 तक के छात्रों के लिए स्कूल बैग के अधिकतम भार की सीमा तय कर दी है। तेलंगाना के कुछ जिलों में स्कूली बच्चे फिलहाल प्राथमिक कक्षाओं में 6 से 12 किलोग्राम का बैग ढो रहे हैं, तो वहीं उच्चतर कक्षाओं में तो छात्र 17 किलोग्राम तक वजनी बैग ढो रहे हैं।
हर क्लास के स्कूल बैग के वजन की अधिकतम सीमा तय की
No comments:
Write comments