रामपुर, जासं: परिषदीय विद्यालयों में निश्शुल्क ड्रेस वितरण को लेकर बिचौलिए शिक्षकों पर दबाव बनाने लगे हैं। ड्रेस वितरण में शासन की मंशा पर बिचौलिए पानी फेर रहे हैं। मामले की शिकायत पूर्व ब्लाक प्रमुख ने मुख्यमंत्री से कर कार्रवाई की मांग की है। 1जिले के करीब अस्सी हजार से अधिक परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को शासन द्वारा निश्शुल्क ड्रेस उपलब्ध कराने के लिए इस बार नई व्यवस्था की गई है। इसके तहत अब ड्रेस बिचौलियों से न लेकर एसएमसी द्वारा बच्चों का नाप लेकर गांव के दर्जी या फिर स्वयं सहायता समूह से सिलवा कर बच्चों को वितरित की जानी है। बिचौलियों से ड्रेस खरीदने पर पाबंदी है। प्रशासन और विभाग ने शासन की मंशा से शिक्षकों को अवगत करा दिया है। इस बार बच्चों की ड्रेस का रंग भी बदला है। मुख्यमंत्री ने स्वयं बच्चों की पसंद का ख्याल रखते हुए चुनी है। नई ड्रेस को लेकर बच्चों में भी उत्सुकता है। दर्जी भी काम की आस लगाए बैठे हैं। लेकिन ऐसा होने के आसार कम ही लग रहे हैं। शासन ने ड्रेस के लिए अभी बजट भी जारी नहीं किया है। बावजूद इसके बिचौलिए स्कूलों में जाकर ड्रेस के लिए शिक्षकों पर दबाव बनाने लगे हैं। इतना ही नहीं यह लोग सत्ता की हनक दिखाते हुए शिक्षकों और विद्यालय प्रबंध समिति पर ड्रेस के लिए दबाव बना रहे हैं। इससे शिक्षक भी असमंजस की स्थिति में हैं। बात नहीं मानने पर सत्ता और अधिकारियों का खौफ दिखाया जा रहा है। इससे नहीं लगता कि शासन की मंशा पूरी हो पाएगी। शाहबाद के पूर्व ब्लाक प्रमुख हरज्ञान सिंह ने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की है। शिकायत में कहा है कि प्रदेश सरकार बच्चों को अच्छी ड्रेस बांटना चाहती है, लेकिन बिचौलिए सस्ती और घटिया ड्रेस लेने को शिक्षकों पर दबाव बना रहे हैं। आरोप लगाया कि कुछ लोग रामपुर में ही ड्रेस बनाने का कारखाना चला रहे हैं। इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है।
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