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Tuesday, July 25, 2017

बेसिक शिक्षा सचिव ने गोरखपुर के पूर्व बीएसए, खंड शिक्षा अधिकारी और एक सहायक लिपिक पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश किया जारी, फर्जी ढंग से चार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति करने का आरोप

पूर्व बीएसए ओम प्रकाश यादव समेत तीन पर दर्ज होगा मुकदमा

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : जनता पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरिहरपुर में फर्जी ढंग से की गई चार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति को शासन ने भी गंभीरता से लिया है। बेसिक शिक्षा सचिव ने गोरखपुर के पूर्व बीएसए ओम प्रकाश यादव, खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) जनार्दन यादव और एक सहायक लिपिक पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया है। इस मामले की जांच एडीएम प्रशासन भी कर रहे हैं। पूर्व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यकाल में जनता पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरिहरपुर में शिक्षकों की चार रिक्त पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन मांगा गया था। इन पदों पर नियुक्ति के लिए दर्जन भर अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। नियुक्ति समिति ने चार अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लेने के बाद उनका चयन कर लिया। लेकिन, अंदर ही अंदर पूर्व बीएसए, बीईओ, लिपिक और विद्यालय प्रबंधन ने आपसी मिली भगत से चयनित अभ्यर्थियों की जगह दूसरे लोगों की नियुक्ति कर ली। मामले की जब शिकायत हुई तो अधिकारियों के भी कान खड़े हो गए। फिलहाल, एडी बेसिक की रिपोर्ट के आधार पर नवागत बीएसए सुधीर कुमार ने शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है। पूर्व बीएसए ने अन्य विद्यालयों में भी मनमाने ढंग से दर्जन भर से अधिक नियुक्तियां की है। जांच के आधार पर शासन ने छह विद्यालय में शिक्षक व लिपिकों के फर्जी नियुक्ति के मामले में बीएसए ओम प्रकाश यादव को 15 मई को निलंबित कर दिया था।

भर्ती प्रक्रिया पर रोक के बाद भी कर दी नियुक्ति : जांच रिपोर्ट के अनुसार प्रबंधक, प्रधानाध्यापक, पटल सहायक विभागीय पर्यवेक्षक और तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अभिलेखों में हेराफेरी की है। तत्कालीन बीएसए ने पांच अक्टूबर 2016 को चयनित अभ्यर्थियों का अनुमोदन भी कर दिया। जबकि, शिक्षा निदेशक बेसिक उत्तर प्रदेश ने तीन जून से 31 जुलाई 2016 तक ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए निर्देश जारी किया था। ऐसे में सर्वेश शंकर, अजय कुमार, मीरा और उदय प्रताप की नियुक्ति अनियमित व विधि विरुद्ध है।

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