जागरण संवाददाता, बरेली : कस्तूरबा विद्यालय की जांच के लिए शहर पहुंचे परियोजना निदेशालय के वरिष्ठ विशेषज्ञ माधव जीत तिवारी भी आवासीय विद्यालयों की देख दंग रह गए। प्रधानमंत्री का स्वच्छ भारत मिशन इन सरकारी विद्यालयों में ही धूल फांकता मिला। दीवार से लेकर दरवाजों तक धूल की परत जमी हुई थी। रंगाई-पुताई नहीं होने से दीवारें भी खराब मिली। भड़के परियोजना निदेशालय के वरिष्ठ विशेषज्ञ ने साफ-सफाई के निर्देश दिए। 1वे शुक्रवार को नगर क्षेत्र व क्यारा ब्लॉक के कस्तूरबा आवासीय विद्यालय पहुंचे। दोनों ही स्कूल भवनों में कई साल से रंगाई-पुताई नहीं हुई थी। बरसात में दीवारें और खराब हो गई थी। कक्षाओं में पहुंचे तो पढ़ाई का स्तर बेहतर नहीं मिला। इसी तरह जूनियर हाईस्कूल वारी नगला, प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल बुखारा में भी हाल बुरा मिला। साफ-सफाई व शिक्षण गुणवत्ता खराब मिलने पर नाराजगी जताई। स्तर सुधारने के लिए टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई कराने के निर्देश दिए। वहीं, इन स्कूलों में नामाकंन के सापेक्ष शत-प्रतिशत उपस्थिति मिलने पर उन्होंने संतोष जाहिर किया।जागरण में प्रकाशित खबरों की निदेशक को देंगे जानकारी1परियोजना निदेशालय के वरिष्ठ विशेषज्ञ माधव जीत तिवारी ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा, यूनिसेफ के सहयोग से ऑल इंडिया रेडियो पर प्रसारित एपिसोड को परिषदीय विद्यालय में सुनाने में बड़ी लापरवाही मिली है। कोई जिला समन्वयक मुख्यालय पर प्रशिक्षण लेने नहीं पहुंचा है। ऐसे में कार्यक्रम संचालन के लिए कोई शिक्षक प्रशिक्षित नहीं हो सका। एपिसोड सुनाए जाने के लिए अन्य जनपदों से प्रशिक्षण प्राप्त जिला समन्वयकों के जरिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का अधिकारियों को सुझाव दिया है। उन्होंने कहा, दैनिक जागरण ने जनपद में बेसिक शिक्षा के हाल को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इसकी जानकारी परियोजना निदेशक को दी जाएगी।’>>परियोजना से आए अधिकारी को कस्तूरबा स्कूलों में नहीं मिली सफाई1’>>सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर भी मिला खराब1’>>लगाई फटकार, सुधार के दिए निर्देश1कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में रिकॉर्ड चेक करते वरिष्ठ विशेषज्ञ माधव जीत तिवारी ’
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