जिला प्रशासन व बेसिक शिक्षा विभाग के प्रयासों के बाद भी स्कूलों में सुधार न होने पर अब फिसड्डी पर निगाह रखने की रणनीति बनाई गई है।इसके लिए न्याय पंचायत वार स्कूलों की सूची तैयार कराई जा रही है। शैक्षणिक वातावरण में लापरवाही दिखने पर यहां के प्रधानचार्य व शिक्षकों से जवाब-तलब किया जाएगा। उचित जवाब न होने पर विभागीय कार्रवाई होगी।
जिलाधिकारी ने जिले में आने के बाद से शिक्षा पर विशेष तौर पर फोकस किया है। कई बार बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों व निचले स्तर पर बैठकें कर छात्र-छात्रओं की संख्या बढ़ाने को लेकर ताकीद कर चुके हैं। इसी के मद्देनजर विभागीय अफसरों व शिक्षकों ने छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए अभिभावकों से सीधा संपर्क बनाने की रणनीति पर काम शुरू किया है। बच्चों को प्रतिदिन स्कूल तक पहुंचाने को लेकर जोर दिया जा रहा है। परिषदीय स्कूलों में छात्र संख्या के हिसाब से अध्यापकों की तैनाती करने के लिए भी काम शुरू हो गया है। डीएम ने बताया कि कक्षा एक से लेकर आठ तक के कमजोर छात्र-छात्रओं की शिक्षा में गुणवत्ता पर फोकस है। इसका फायदा भी स्कूलों में दिखने लगा है। अब लापरवाही बरतने वालों पर शिकंजा कसने के लिए नई रणनीति पर काम शुरू हो गया है। इसकी मानीटरिंग करने को बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर प्रतिदिन विद्यालयों में पहुंच रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि प्राथमिक स्कूलों की गुणवत्ता का ख्याल रखने के लिए रणनीति बनाई है। शिक्षकों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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