जागरण संवाददाता, रामपुर : सरप्लस शिक्षकों का नियम विरुद्ध समायोजन करने पर जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने बीएसए कार्यालय में जमकर हंगामा किया। संघ ने बीएसए को ज्ञापन सौंपकर नियमानुसार काउंसलिंग कराने की मांग की। बीएसए के कार्रवाई के आश्वासन पर ढाई घंटे बाद काउंसलिंग शुरु हो सकी। इसके चलते काउंसलिंग कराने आए शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। 1परिषदीय विद्यालयों में सरप्लस शिक्षकों की समायोजन प्रक्रिया चल रही है। सोमवार को शिक्षकों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। काउंसलिंग नियमों को ताक पर रखकर की जा रही थी। इसकी भनक जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ को लग गई। संघ के पदाधिकारी बीएसए कार्यालय पहुंच गए, जहां पर जमकर हंगामा कर काउंसलिंग रुकवा दी। इससे मौके पर अफरातफरी मच गई। जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष डॉक्टर राजवीर सिंह का कहना है कि शासन के स्पष्ट आदेश हैं कि महिला और दिव्यांग शिक्षकों को वरीयता क्रम में शहर के नजदीक विद्यालयों में तैनात किया जाना चाहिए था। इसके लिए उनसे विकल्प मांगे जाना चाहिए थे, लेकिन काउंसलिंग में ऐसा न कर शहर से आठ किमी दूरी के विद्यालयों को काउंसलिंग में शामिल न कर, दूर के विद्यालयों के लिए कासंउलिंग कराई जा रही थी। इसको लेकर जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय पर हंगामा करना शुरु कर दिया। विरोध में जमकर नारेबाजी की। इससे ढाई घंटे काउंसलिंग रुकी रही। इसके बाद जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सर्वदानंद को ज्ञापन सौंपा, जिसमें बीएसए ने नियमानुसार काउंसलिंग कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद ही काउंसलिंग शुरु हो सकी। ज्ञापन में छात्र संख्या 31 मार्च के स्थान पर 31 जुलाई करने, फर्जी छात्र संख्या वाले विद्यालयों की जांच कराने, रिक्त विद्यालयों की सूची सार्वजनिक करने, महिलाओं एवं दिव्यांग शिक्षकों का शासनादेश के अनुसार समायोजन करने की मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में जिलामंत्री कमर इसहाक, अंजुम सक्सेना, आनंद प्रकाश गुप्ता, मुस्तफा अली, महेंद्र प्रताप सिंह, एवं संतोष सिंह आदि रहे।
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