डायट कैंपस में सरप्लस शिक्षकों को समायोजन के लिए बुलाया, पहले कई शिक्षकों को किया वापस, बाद में घर से बुला कराई काउंसिलिंग
हालात
पिछले कई दिनों से सरप्लस शिक्षकों के समायोजन को लेकर ¨ढढोरा भले ही पीटा जा रहा हो, लेकिन अंतिम समय तक बेसिक शिक्षा विभाग तैयारी पूरी नहीं कर सका। जिसके चले शिक्षकों को हंगामा प्रदर्शन तक करने के लिए उतरना पड़ा। पहले ब्लाक में अव्यवस्थाओं का सामना करके आये शिक्षक दूसरे दिन उसी तरह की मुश्किलों से मुख्यालय स्थित डायट परिसर में भी उन्हीं सब का सामना करने के लिए मजबूर हुए। लापरवाही किस स्तर पर हुई, यह जांच का विषय है। लेकिन, गुस्साएं शिक्षकों ने बुधवार को डायट कैंपस में जमकर हंगामा किया। नाराजगी जाहिर कर मनमानी करने के आरोप लगाये। कुछ शिक्षकों ने काउंसिलिंग स्थल पर पहुंचे बीएसए का घेराव भी किया। जिसके थोड़ी ही देर बाद पुलिस बल तैनात करना पड़ा।
परिषदीय स्कूलों में 1280 के करीब सरप्लस शिक्षकों का तबादला जनपद में ही होना था। आनलाइन होने वाली इस प्रक्रिया को जिले में मनमानी कर आफलाइन में तब्दील कर दी गई। मंगलवार को बीआरसी केंद्रों पर शिक्षकों की काउंसिलिंग की गई। बचे शिक्षकों को बुधवार डायट कैंपस में काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया। पहले 200 शिक्षकों की काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। बाद में 148 की काउंसलिंग जहां मनमाना तरीका उन्हें बर्दाश्त नहीं हुआ। बार बार हो रहे बदलाव और स्पष्ट निर्देश न होने से नाराज शिक्षकों ने मानमानी करने का आरोप लगा विरोध प्रकट करते हुए हंगामा शुरू किया। उनका आरोप था कि शासनादेश को दरकिनार कर अपनों पर मेहरबानी की जा रही है।
इसी से नाराज कुछ शिक्षकों ने बीएसए दीवान सिंह का घेराव भी किया। जिसे बचाने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी सहित कुछ शिक्षक आ गए। बाद में भीड़ और शिक्षकों के गुस्से को देख पुलिस को काउंसिलिंग स्थल द्वार पर लगा दिया गया है। जहां एक-एक कर शिक्षकों को बुलाया जा रहा था। सुबह से शुरू हुई काउंसिलिंग देर शाम तक चलती रही।
पहले किया इंकार, फिर घर से बुलाया: समायोजन प्रक्रिया के दूसरे दिन पहले तो तमाम शिक्षकों को यह कहते हुए वापस कर दिया गया कि उन्हें इस प्रक्रिया से इस लिये बाहर कर दिया गया है क्योंकि उनका नाम सूची में काफी पीछे है। इससे तमाम शिक्षक वापस भी लौट गये। इसके बाद इनमें से कई शिक्षकों को फोन करके वापस घर से बुलाया गया। शिक्षकों ने स्कूलों की छटनी हो जाने और कुछ चहेते शिक्षकों को इसमें छूट दिये जाने का आरोप लगाया। जो शिक्षिक इसके बाद भी स्कूल नहीं पहुंचेंगे उन्हें अपनी मर्जी से स्कूल आवंटित कर दिये जायेंगे। यह सुन शिक्षकों के पसीने छूट गये और वह सभी डायट पहुंच गये
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