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Sunday, July 16, 2017

यूपी बोर्ड व सीबीएसई : स्कूल अलग-अलग, पाठ्यक्रम होगा एक, पाठ्यक्रम समितियों ने पहले दौर में तमाम विषयों को किया समान

इंटर में एक प्रश्नपत्र 2019 से  : यूपी बोर्ड के उस पर प्रस्ताव पर सभापति ने मुहर लगा दी है, जिसमें इंटर में हर विषय में एक प्रश्नपत्र की परीक्षा हो। असल में इसी सत्र से यह निर्देश लागू होना था, पर पाठ्यक्रम एक करने से देरी होने के कारण व बोर्ड परीक्षाएं प्रभावित न हों, इसलिए बोर्ड ने सभापति को प्रस्ताव भेजा था कि इस पर अमल अगले साल से हो। उस पर मुहर लग गई है। बोर्ड इसका गजट कराने जा रहा है। ज्ञात हो कि सीबीएसई में इंटर में हर विषय का एक प्रश्नपत्र ही होता है।



इलाहाबाद : प्रदेश भर के अधिकांश माध्यमिक विद्यालयों में भले ही भवन व सुविधाओं में बड़ा फासला हो लेकिन, पाठ्यक्रम एक जैसा होगा। विशिष्ट पाठ्यक्रम के लिए चर्चित रहा यूपी बोर्ड अब सीबीएसई की राह पर है। यूपी बोर्ड ने पिछले बारह दिनों में सीबीएसई में पढ़ाए जाने वाले विषयों के पाठ्यक्रम को लगभग स्वीकार कर लिया है। वैसे इसे अगले सत्र से लागू करने की तैयारी है।



माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई का पाठ्यक्रम शासन ने समान करने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड ने तीन से 14 जुलाई तक 33 पाठ्यक्रम समितियों की बैठक बुलाकर इस पर अमल कराया है। हाईस्कूल स्तर (कक्षा 9 व 10) व इंटरमीडिएट स्तर (कक्षा 11 व 12) में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी व कई अन्य विषयों की पढ़ाई पहले से ही दोनों जगह () लगभग एक जैसी ही रही है। करीब 20 प्रतिशत पाठ्यक्रम का जो फासला रहा है, उसे भी अब 95 फीसद तक समान कर दिया गया है। बोर्ड सूत्रों की मानें तो हाईस्कूल व इंटर के अहम विषयों को एक करने का कार्य पूरा हो चुका है लेकिन, स्थानीय विषय इतिहास, भूगोल, संगीत, गायन, कृषि और देश की विभिन्न भाषाएं बांग्ला, उड़िया के अलावा तकनीकी विषयों का एकीकरण होना अभी शेष है।



इसके लिए यूपी बोर्ड जल्द ही इन विषयों के विशेषज्ञों को बुलाकर हरसंभव पाठ्यक्रम समान करेगा। बोर्ड इनमें बहुत बदलाव करने के पक्ष में नहीं है। अफसरों का मानना है कि स्थानीय महापुरुष व संस्कृति की जानकारी हर छात्र-छात्र को बेहतर तरीके से होनी ही चाहिए, फिर भी उस पर विस्तार से मंथन जरूर होगा।1 पहले पाठ्यचर्या समिति और फिर यूपी बोर्ड इन बदलावों पर मुहर लगाएगा, तब उसे शासन के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। इसे अगले शैक्षिक सत्र से लागू करने की तैयारी है।




प्रतियोगी परीक्षाओं में सहूलियत : देश की सिविल सेवा हो या फिर अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए एनसीईआरटी की किताबों को सबसे उपयुक्त माना जाता है। सीबीएसई इन्हीं किताबों से पढ़ाई करा रहा है, अब यूपी बोर्ड को भी उसी र्ढे पर लाया जा रहा है। वहीं, सीबीएसई में जो पाठ्यक्रम नहीं है, यूपी बोर्ड उनमें कोई बदलाव नहीं कर रहा है। 1

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