संवादसूत्र, बकेवर : सरकार की योजनाएं वास्तविक धरातल पर कितनी कारगर साबित हो रहीं है इसकी नजीर चकरनगर विकास खंड में वितरित हो रहीं बच्चों की डेसों में साफ दिखाई दे रही है। एक ओर जहां सरकार लाखों रुपये इन ड्रेसों पर खर्च कर रही है वहीं वितरित की गई ड्रेस बच्चों को फिट नहीं बैठ रहीं। बच्चे स्कूल जाते समय ड्रेस को संभालने में ही पूरा समय निकाल देते हैं। अध्यापकों ने बताया कि ड्रेस की गुणवत्ता की कमी है। बच्चों की शारीरिक नाप देने के बावजूद भी नाप के आधार पर ड्रेस नहीं दी गई है।
चकरनगर क्षेत्र के लगभग दर्जन भर स्कूल में बच्चों की यूनीफॉर्म में बड़े पैमाने पर धांधली का मामला सामने आया है। गुणवत्ता की कमी के चलते बड़ी ही कमजोर बनाई गईं यूनीफॉर्म शारीरिक नाप लेने के बावजूद किसी बच्चे की लंबी है तो किसी की छोटी। ऐसे में बच्चों को अपनी ड्रेस की पुन: मरम्मत करवानी पड़ रही है। जब इस मामले में प्रधानाध्यापकों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यूनीफॉर्म तैयार करवाने का काम अब हमारा नहीं रहा, नाप देने के बावजूद ड्रेस छोटी-बड़ी आ रही हैं। कई बच्चे तो अपनी यूनीफॉर्म लेने से ही इन्कार कर रहे हैं।1खंड शिक्षा अधिकारी चकरनगर दिग्विजय सिंह बताया कि मामला जिला स्तरीय है, जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे के आदेशानुसार आइटीआइ कॉलेजों में यूनीफॉर्म बनाने का काम किया जा रहा है। वहां पर बच्चों के नाप देने के बावजूद ड्रेस गड़बड़ बनकर आ रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ड्रेस की गुणवत्ता में बहुत कमी है जिसके चलते बच्चों के पहनते ही ड्रेसिंग खुल जाती है जिसे बच्चों को पुन: टेलर के माध्यम से मरम्मत करवानी पड़ रही है। उधर ड्रेस पाकर खिले बच्चों के चहरे मुरझा गए हैं। प्राथमिक विद्यालय चांदई, प्राथमिक विद्यालय फूटाताल, प्राथमिक विद्यालय चकरनगर, प्राथमिक विद्यालय ढकरा, प्राथमिक विद्यालय नगला चौप समेत कई दर्जन स्कूलों की ड्रेसों में गड़बड़ी पाई गई है।
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