बरेली : मदरसों में स्वतंत्रता दिवस मनाए जाने को लेकर जारी सरकारी आदेश को उलमा ने एक स्वर से नकार दिया। दरगाह आला हजरत में हुई बैठक में देशभर से जुटे उलमा ने तय किया कि मदरसों में तिरंगा फहरेगा लेकिन, राष्ट्रगान नहीं गाएंगे। हां, अल्लामा इकबाल का सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा.. तराना खुशी-खुशी पढ़ा जाएगा।
सोमवार में दरगाह आला हजरत पर उलमा की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसले को सभी ने एक स्वर में नकारा। ताजुशरिया मुफ्ती अख्तर रजा खां अजहरी मियां के पुत्र और शहर काजी मौलाना असजद रजा खां पहले ही विरोध में आ चुके हैं। अजहरी गेस्ट हाउस में शहर काजी के विरोध को सही ठहराते हुए उलमा ने हर मदरसे में तिरंगा फहराकर आजादी में कुर्बानी देने वाले शहीदों को याद करने का फैसला लिया। 1बाद में शहर काजी ने पत्रकारों से कहा कि मुख्यमंत्री मुसलमानों की देशभक्ति पर शक जता रहे हैं। भारत लोकतांत्रिक देश है। यहां हर किसी को मजहब के अनुसार जीने का हक है। प्रदेश सरकार पर फालतू के मुद्दों में जनता को उलझाने का आरोप लगाया।
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