जागरण संवाददाता,लखनऊ : वर्ष 2018 में यूपी बोर्ड परीक्षाओं के केंद्र निर्धारण में सेटिंग गेटिंग का खेल नहीं हो सकेगा। सिर्फ उन्हीं स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा जहां सीसीटीवी कैमरे, फर्नीचर व बिजली समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमरनाथ वर्मा ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं।
बीते वर्ष में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के दौरान केंद्रों पर काफी अनियमितताएं सामने आती रही हैं। सीसीटीवी न होने से परीक्षा केंद्र संदिग्ध भूमिका में भी सामने आए तो वहीं फर्नीचर न होने से परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना भी करना पड़ता रहा है। परीक्षा से पूर्व हर बार बोर्ड द्वारा निर्देश भी जारी किए जाते रहे हैं, लेकिन निर्देशों को अमली जामा पहनाने में जमकर लापरवाही बरती जाती। इस बार भी परीक्षा की सुचिता बनाए रखने के मकसद से माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सख्ती से मानकों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। डीआइओएस को विद्यालयों की जांच रिपोर्ट 15 सितंबर तक परिषद को भेजे जाने को कहा गया है।
केंद्र बनने के मानक
विद्यालय में अग्निशमन उपकरण, विद्यालय के चारों ओर सुरक्षित चार दीवारी, विद्यालय का मुख्य सड़क मार्ग से जुड़ा होना, विद्यालय में बिजली की समुचित व्यवस्था होना, परीक्षा काल के दौरान जनरेटर की व्यवस्था होना, सीसीटीवी कैमरा, पेयजल व शौचालय होना, स्कूल द्वारा बोर्ड की वेबसाइट पर आवश्यक सूचना अपलोड करना अथवा बोर्ड को सूचनाएं भेजने के लिए कंप्यूटर का होना अनिवार्य है।
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