■ सेल्फी से हाजिरी
पहली बार ऐसा हुआ, जब किसी प्रदर्शन में पहुंचे लोगों को अपनी हाजिरी साबित के लिए जिलाध्यक्ष को सेल्फी भेजने के लिए कहा गया था। बाद में जिलाध्यक्षों को डिजिटल हाजिरी का यह डेटा प्रदेश कमिटी को भेजना है।
■ अव्यवस्था से जूझे
इंटेलिजेंस ने करीब 60 हजार शिक्षामित्रों के आने की आशंका जताई थी। इसके बावजूद न कहीं बैरिकेडिंग की गई, न डायवर्जन। लक्ष्मण मेला मैदान में पीने के पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई, न मोबाइल शौचालय वैन थी। पानी के सिर्फ तीन टैंकर थे। शिक्षा मित्रों को इसमें से खुद पानी निकालना पड़ा।
■ संगठनों का समर्थन
उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रांतीय संगठन मंत्री श्रीराम द्विवेदी ने बताया कि अब तक उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ, जूनियर शिक्षक संघ, उप्र कर्मचारी परिषद, किसान यूनियन समर्थन दे चुके हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद जेएन तिवारी गुट ने 11 सितंबर को प्रस्तावित एनक्सी घेराव में शिक्षा मित्रों की मांगें शामिल की हैं।
■ नजीर बन गया प्रदर्शन
शिक्षामित्रों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन दूसरे संगठनों के लिए नजीर बन गया। सूत्रों के मुताबिक, कोर कमिटी ने सभी जिलाध्यक्षों को शांति बनाए रखने की सलाह दी थी। आयोजकों ने मंच से ही कहा कि वह न विधानभवन घेरेंगे, न ही किसी अधिकारी से बात। उनका लक्ष्य है कि सीएम से बात करवाई जाए।
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