सिद्धार्थनगर : पड़ोसी मुल्क नेपाल से हर शैक्षणिक सत्र में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भारतीय क्षेत्र के माध्यमिक विद्यालयों में दाखिला लेते हैं। इस वर्ष आधार कार्ड की अनिवार्यता से उपजे संकट का आखिरकार हल निकल ही गया। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा ने नेपाली छात्र-छात्राओं का नामांकन बगैर आधार करने का निर्देश दिया है। इस दिशा में सप्ताह भीतर शासनादेश भी जारी हो जाएगा। इस निर्णय से सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, महराजगंज, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच आदि जिलों के भारी संख्या में नेपाली छात्रों को बड़ी राहत मिल सकेगी। आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद बार्डर से सटे भारतीय क्षेत्रों के जनपदों में स्थित इंटर कालेजों में पढ़ाई को लेकर इच्छुक नेपाली छात्रों को बड़ा झटका लग गया था। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को 4 अगस्त 2017 के अंक में आधार कार्ड की बाध्यता से अधर में नेपाली छात्रों का भविष्य शीर्षक से प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू ने अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल को पत्र भेजकर मार्गदर्शन मांगा था। इसके अलावा सांसद जगदंबिका पाल ने भी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू, पीएमओ कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह से मिलकर मित्र राष्ट्र नेपाल के छात्रों की समस्या का हल निकालने का अनुरोध किया था। मंगलवार को जनपद में मुख्यमंत्री के आगमन पूर्व तैयारियों की समीक्षा करने आए अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल ने जागरण के सवाल पर बताया कि डीएम का पत्र मिलने के बाद सोमवार को ही बार्डर से सटे जनपदों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को अवगत कराने के लिए सहायक शिक्षा निदेशकों को निर्देशित किया गया है। नामांकन फार्म भरने के दौरान आधार कार्ड के बजाए संबंधित छात्र-छात्राओं से नेपाल का निवासी होने का लिखित पत्र लेना अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में प्रक्रिया पूर्ण करते हुए शासनादेश के लिए पत्रावली भेज दी गई है।
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