DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Monday, August 21, 2017

गोण्डा : कान्वेंट को फीका कर रहा ये सरकारी स्कूल, बेलसर में वाई-फाई से लैस सिधौटी प्राथमिक विद्यालय में दी जा रही है आधुनिक शिक्षा

कान्वेंट जैसी शिक्षा और नवाचार के लिए वाई-फाई जोन युक्त परिसर की कल्पना आते ही जेहन में बेहद आधुनिक स्कूल की छवि उभरती है, लेकिन यहां यह वास्तविक तस्वीर एक प्राइमरी स्कूल की है। बात हो रही है शिक्षा क्षेत्र बेलसर के प्राथमिक विद्यालय सिधौटी की। जनवरी 2015 में यहां प्रमोशन पर आए प्रधानाध्यापक बृजश्याम सिंह ने खुद के वेतन से विद्यालय को संवारा है। 60 बच्चों के स्कूल में अब 118 छात्र पंजीकृत हैं, जो कान्वेंट की तर्ज पर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

प्रार्थना सभा में योग व व्यायाम के साथ प्रत्येक दिन विद्यालय में शिक्षण कार्य होता है। पहली कक्षा में देश-विदेश में घट रही घटनाओं के साथ नैतिक शिक्षा की जानकारी दी जाती है। शिक्षा प्रणाली को आसान बनाने के लिए सहायक सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। विद्यालय में पढ़ने वाले गरीबों के नौनिहाल प्राथमिक स्तर पर ही अंग्रेजी का ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं।

प्रधानाध्यापक अपने वेतन से बदल रहे स्कूल की तस्वीर और बच्चों की तकदीरतैयार किया हरित परिसर

विद्यालय में तैनात अध्यापक प्रदीप कुमार, प्रभात तिवारी, शिक्षामित्र हंसराज व सुमन सिंह ने बच्चों के सहयोग से परिसर को सुंदर फूलों और वृक्षों से आच्छादित कर दिया है।

इसलिए है खास

प्रधानाचार्य बृजश्याम कहते हैं कि वह इसी गांव के हैं। इसी विद्यालय में पढ़ाई की है। स्कूल की स्थिति गड़बड़ हो गई थी। इससे सामान्य परिवार के बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ाई करने जाने लगे, लेकिन समस्या गरीब परिवारों को थी, इसलिए गांव में ही खुले कान्वेंट की तर्ज पर इसे विकसित किया। वह कहते हैं कि यह सब करने में ढाई लाख रुपये खर्च हुए लेकिन बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है।ऐसे होती है पढ़ाई बच्चों का समूह बनाकर पढ़ाई कराई जाती है।

शिक्षक छात्रों के बीच में बैठकर पढ़ाते हैं।

’मीनामंच कार्यक्रम का प्रसारण होता है।
कक्षा में टेबलेट के माध्यम से छात्रों को नई चीजें दिखाई जाती है।
पढ़ाने के साथ ही संबंधित विषय पर प्रयोग होता है। विद्यालय की व्यवस्था अच्छी है। शैक्षिक उन्नयन के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। दूसरे अध्यापकों को इससे सीख लेनी चाहिए

संतोष कुमार देव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारीगोंडा जिले के बेलसर में स्थित सिधौटी प्राथमिक विद्यालय का दृश्य ’

No comments:
Write comments