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Thursday, August 3, 2017

सीएम के बुके की जगह बुक के बयान से फूल कारोबारियों में हलचल, किताबों के बीच गुल हो जाएंगे गुलदस्ते!

सरकारी कार्यक्रमों में फूलों के गुलदस्तों की जगह किताबें दिए जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान की गुलदस्ता और किताब कारोबारियों में चर्चा शुरू हो गई है। किताब कारोबारियों ने जहां इस बयान की सराहना की है, वहीं फूल व्यापारियों का कहना है कि इससे उनका कारोबार 25% तक कम हो जाएगा। फूल व्यापारियों के मुताबिक सरकारी कार्यक्रम उनके कारोबार का बड़ा हिस्सा हैं और बुके बंद होने से उनका कारोबार काफी हद तक प्रभावित होगा।



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25% का पड़ेगा असर
चौक में फूलों के गुलदस्तों का कारोबार करने वाले जमील शमशी का कहना है कि वैसे तो फूलों के गुलदस्ते सबसे ज्यादा प्राइवेट पार्टी में ही जाते हैं, लेकिन सरकारी कार्यक्रमों में भी इसकी खासी डिमांड रहती है। हर महीने बिकने वाले गुलदस्तों में करीब 25% तक का कारोबार विभागीय कार्यक्रमों से ही होता है। सरकारी कार्यक्रमों में बुके बंद होने से कारोबार पर बड़ा असर पड़ेगा।

हजरतगंज में गुलदस्तों के कारोबारी सूरज मन्ना का कहना है कि सरकारी कामकाज में जाने वाले गुलदस्ते औसतन 800 से 1000 रुपये तक के होते हैं। कोई बड़ा कार्यक्रम होता है, तभी बड़ा ऑर्डर आता है, लेकिन कई विभाग उनके नियमित ग्राहक हैं। इन विभागों से प्रतिदिन करीब 20 गुलदस्तों की डिमांड आती है। ये ऑर्डर बंद होने से काम काफी  प्रभावित होगा।

किताबों के बीच गुल हो जाएंगे गुलदस्ते!
हजरतगंज स्थित यूनिवर्सल बुक डिपो के संचालक चंद्र प्रकाश का कहना है कि किताबों का क्रेज कभी खत्म नहीं होता। युवा भी लव स्टोरी से लेकर विवेकानंद, मंटो और ओशो को पढ़ना चाहते हैं। सीएम के बयान के बाद अब सरकारी कर्मचारी भी हमारे ग्राहक बनेंगे। वे कहते हैं कि हम एक दिन में 150 से 200 किताबों की सेल करते हैं। जब सरकारी विभाग भी हमसे जुड़ेंगे तो 100 किताबों की सेल इसमें और जुड़ जाएगी।

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