जनपद में बिना शासनादेश के रसोइयों की तैनाती पर अक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। परिषदीय विद्यालयों से निकाली गई रसोइयों को जब पता चला कि नए बीएसए ने कार्यभार संभाल लिया है तो वे शनिवार को कार्यालय परिसर में धरना पर बैठ गई। सौंपे गए ज्ञापन के जरिये उन्होंने आरोप लगाया है कि पूर्व बीएसए और मध्याह्न् भोजन योजना के जिला समन्वयक ने बिना शासनादेश के ही रसोइयों की तैनाती कर दी है।
रसोइया कार्यकत्री कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष राम ललित वर्मा ने बताया कि विद्यालय से निकाली गई रसोइया दर-दर भटक रहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जनपद में बिना शासनादेश और गाइड लाइन के ही नई रसोइयों की नियुक्ति की गई है। पूर्व बीएसए ओम प्रकाश यादव ने रसोइया ही नहीं अपने सगे संबंधियों सहित तमाम लोगों की फर्जी नियुक्ति की है। फर्जीवाड़ा का मामला प्रकाश में आने के बाद शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया। अब शासन ने मुकदमा दर्ज करने का निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि यदि निकाली गई रसोइयों की बहाली शीघ्र नहीं की गई तो संगठन आंदोलन के लिए बाध्य होगा। उन्होंने नवागत बीएसए, जिला प्रशासन और शासन से मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई है। ज्ञापन लेने के बाद बीएसए ने रसोइयों की समस्याओं को ध्यान से सुना। उन्होंने जिला समन्वयक दीपक पटेल को बुलाकर एक सप्ताह के अंदर मामले को निस्तारित करने के लिए निर्देशित किया
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