पूर्व माध्यमिक शिक्षा के बाद बच्चों के शियो पर चिंता तो सभी को है लेकिन अमेठी के अन्नी बैजल पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों ने इस चिंता का हल अपनी ‘जेब’ से निकाल कर पेश किया है। पिछले वर्ष जब इस विद्यालय का एक बच्चा आगे की पढ़ाई के लिए दाखिला नहीं ले सका तो विद्यालय के शिक्षकों ने हर माह सौ-सौ रुपये का योगदान कर एक ‘गुल्लक बैंक’ बनाया और इस साल आर्थिक रूप से कमजोर दो मेधावी बच्चों को आगे की पढ़ाई में मदद देकर मिसाल कायम की।
इस साल छात्र पवन कुमार और छात्र राबिया बानो को पिछले चार माह में जमा की गई रकम से विद्यालय बुलाकर किताब, कॉपी व दाखिले का खर्चा दिया गया तो अभिभावकों की आंखें कृतज्ञता से नम हो गईं। इस विद्यालय में पांच शिक्षक-शिक्षिकाओं और तीन अनुदेशकों सहित कुल आठ लोग तैनात हैं।
शिक्षकों ने बताया कि पिछले वर्ष के अनुभव के बाद विद्यालय में तैनात शिक्षक प्रेमबदा सिंह, मो.वसीम, अर्चना सिंह, कल्पना शर्मा, अनुपमा सिंह व अनुदेशक मोहन कनौजिया, अजरुन मौर्य, रश्मि सिंह ने आपस में विचार किया। सभी के मन में आया कि मेधावी बच्चों की आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए एक गुल्लक बैंक बनाया जाये जिसमें बच्चों के सहयोग के लिए अपने-अपने वेतन से प्रतिमाह सौ रुपये एकत्रित किया जाये ताकि विद्यालय से निकलने वाले होनहार मेधावी धनाभाव में आगे की शिक्षा से वंचित न रह जाएं। बस इसी विचार के साथ बन गया गुल्लक बैंक और इसे नाम दिया गया डा.अंबेडकर बाल कल्याण निधि। अभी यह गुल्लक दो बच्चों का सहारा बना है, लेकिन अन्य विद्यालय भी पहल करें तो हर साल हजारों बच्चों को शिक्षा दी जा सकती है।
गुरुजनों के सहयोग ने दूर की चिंता : कक्षा आठ पास आउट छात्र पवन कुमार व राबिया बानो के पिता खेती किसानी कर जीवन यापन कर रहे हैं। पवन के पिता शोभनाथ ने बताया कि बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित था। किंतु गुरुजी के सहयोग से हमारा बच्चा आगे की पढ़ाई कर रहा है। वहीं राबिया के पिता मोहर्रम अली ने कहा कि आर्थिक तंगी के चलते बड़ी बेटी को उच्च शिक्षा नहीं दिला सका लेकिन अब गुरुजनों के सहयोग से छोटी बेटी का दाखिला हो गया है
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