लखनऊ : प्रदेश सरकार की ओर से 5वीं से 8वीं तक फेल करने की पॉलिसी (डिटेंशन) पर मोहर लगाने से अब शहर के स्कूलों की बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट में काफी हद तक सुधार आ सकेगा। शहर के स्कूलों के प्रिंसिपलों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत कर इसे जल्द से जल्द लागू करने की अपील की है।
क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल राकेश चत्री ने बताया कि 8वीं तक फेल न करने से दिक्कत यह होती थी कि जो बच्चा नहीं पढ़ता है वो भी आठवीं पास कर लेता है। जब वह नवीं में पहुंचता है तो अचानक पढ़ाई के दबाव में वह फेल हो जाता है। यही कारण है कि दसवीं की बोर्ड परीक्षा में काफी संख्या में छात्र फेल हो जाते हैं। अगर वह पहले की कक्षाओं में पढ़ाई न करने पर फेल कर दिया जाए तो बोर्ड परीक्षा में आते आते वह इस लायक तो बन ही जाएगा कि बोर्ड की परीक्षा पास कर सके।
⚫ बच्चों के हित में है पॉलिसी
एलपीसी के प्रिंसिपल जावेद आलम खान ने बताया कि यह फैसला बच्चों के हक में बहुत अच्छा है। इस पॉलिसी से बच्चों में फेल होने का डर नहीं होता। ऐसे में वह क्लास में पढ़ाई ही नहीं करते। इससे जो नहीं पढ़ते जब वो भी क्लास पास कर लेता है तो जो छात्र पढ़ाई करते हैं उनका भी मनोबल गिरता है। ऐसे में बच्चों की नींव कमजोर हो जाती है तो बच्चों के भविष्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। फेल होने के डर से बच्चे पढ़ाई करते हैं। स्कूल जानबूझ कर किसी बच्चे को फेल नहीं करना चाहता।
⚫ लागू होने में लगेगा समय
राज्य सरकार ने अभी यह फैसला कैबिनेट में पास किया है। इसके बाद यह संसद में रखा जाएगा। संसद में मंजूरी के बाद इसे देश भर में एक साथ लागू किया जाएगा। ऐसे में अभी इसे लागू होने में थोड़ा समय लगेगा।
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