विकास ओझा’ वाराणसी1यह वाराणसी का वह स्कूल है जिसके परिसर में स्वामी विवेकानंद ने लगभग दो माह गुजारे थे। कभी यह मॉडल स्कूल के रूप में स्थापित था, लेकिन वक्त के साथ शिक्षा में गुणवत्ता की कमी का शिकार यह स्कूल भी हो गया। अब इसे फिर से संवारने का संकल्प लिया है वाराणसी के जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने। यहां के अर्दली बाजार स्थित एलटी कालेज परिसर में स्थापित परिषदीय विद्यालय में हर शनिवार को डीएम शिक्षक की भूमिका में होते हैं और जब उनकी क्लास होती है तो हर बच्चा अनुशासित भी होता है और ज्ञान के लिए लालायित भी। 1गोद लिया विद्यालय1 जिलाधिकारी ने इस सरकारी प्राथमिक विद्यालय को गोद लिया है और यहां शिक्षादान के लिए समय रखा है हर शनिवार दो घंटे। किसी दूसरे जिले का मसला अलग है, मगर यह प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है, जहां किसी डीएम की व्यस्तताओं की हजार वजहें होती हैं। इसके बावजूद वह नियमित रूप से बीते छह शनिवार से दो घंटे की क्लास लेने विद्यालय पहुंच रहे हैं। 1पहले भी करते रहे हैं विद्यादान1योगेश्वर राम मिश्र बच्चों को शिक्षादान बनारस आने के पहले भी करते रहे हैं। जब बाराबंकी के डीएम थे, जांच के दौरान स्कूल पहुंचने पर सीधे क्लास चले जाते थे। वहां उन्होंने मुहिम चलाकर अधिकारियों से शिक्षादान करवाया। ऑडिटोरियम की नींव रखी। 1बढ़ रही है बच्चों की संख्या1जिलाधिकारी की एकल कक्षा में आठ तक के 92 बच्चे होते हैं। शनिवार को हर बच्चा उपस्थित होता है, सबको टॉफी भी मिलती है। वहीं, कक्षा पांच की छात्र माहेश्वरी और कक्षा छह की सना अमीर कहती हैं कि जबसे डीएम अंकल आने लगे हैं, बहुत कुछ ठीक हो गया है। इसके अलावा कक्षा छह की ही मोनिका, श्रद्धा व कविता बताती हैं कि बहुत गंदगी थी, पढ़ाई भी व्यवस्थित नहीं थी, मगर अब स्थिति सुधर गई है।
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