विनियमितिकरण समेत पांच सूत्री मांग को लेकर करीब एक माह से लक्ष्मण मेला मैदान में डटी आंगनबाड़ी कार्यकतर्््िायों का गुस्सा शनिवार को फूट पड़ा। धरनास्थल से निकलीं आंगनबाड़ी कार्यकतर्््िायां विधानभवन आ धमकीं। यहां सड़क जाम कर प्रदर्शन करने लगी। पुलिस ने इन्हें हटाने की कोशिश की तो दोनों पक्षों में तीखी नोंकझोंक के बाद मामूली झड़प हुई। इससे पहले की मामला और बढ़ता मौके पर पहुंचे जिला प्रशासन के अधिकारी ने पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की वार्ता मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी से कराई। वहां से मिले आश्वासन के बाद करीब एक घंटे चला प्रदर्शन समाप्त हो सका।
यूपी आंगनबाड़ी कार्यकत्र्री / सहायिका संघ के बैनर तले शनिवार सुबह सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकतर्््िायां लक्ष्मण मेला मैदान से विधानभवन की ओर कूच कर गईं। विभ के गेट नम्बर चार पर पहुंचते ही पुलिस ने इन्हें रोक लिया। लिहाजा वहीं पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने उन्हें वापस धरनास्थल जाने की बात कही तो इन्होंने मानने से इनकार कर दिया। पुलिस उन्हें जबरन हटाने की कोशिश करने लगी। इससे तिलमिलाईं आंगनबाड़ियों और पुलिस में झड़प होने लगी। तभी, कुछ प्रदर्शनकारी सड़क के बीच-बीच पहुंच गईं और प्रदर्शन करने लगीं। संगठन की प्रदेश अध्यक्ष किरन वर्मा ने बताया कि मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने नवरात्रि तक का समय मांगा है।
किरान वर्मा ने कहा कि जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिलता वह लोग धरनास्थल पर डटी रहेंगी। उन्होंने कहा कि लक्षमण मेला मैदान में करीब एक माह से धरना दे रही हैं लेकिन सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली। इसी चलते उन्हें विधानभवन घेरने का निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें विनियमित नहीं किया जाता आंगनबाड़ियों को 20 हजार, मिनी आँगनबाड़ियों को 15 हजार व सहायिकाओं को दस हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय नहीं दिया जाता तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
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