जिला बेसिक शिक्षाधिकारी श्री सर्वदानन्द ने शिक्षकों से कहा कि वह समाज में व्याप्त धारणा को बदलने के लिए सरकारी विद्यालयों में पढ़े सफल नागरिकों को विद्यालय में बुलाकर बच्चों से परिचय कराएं। उनके अनुभवों को बच्चों के साथ साझा करने पर जोर दिया।
कार्यालय सभागार में शिक्षक दिवस की तैयारी के लिए बुलाई गई शिक्षक प्रतिनिधियों की बैठक में उन्होंने कहा कि बेसिक स्कूल में पढ़े बच्चे कई साल बाद अपना मुकाम हासिल करते हैं। लंबे समय बाद प्राप्त उपलब्धि को बेसिक स्कूल भुना नहीं पाते। कहा कि आज आमजन की सोच बेसिक स्कूल के प्रति नकारात्मक सी है। इस सोच को बदलने की जरूरत है। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे अपने गांव व आसपास उन भूतपूर्व छात्रों की सूची बनाएं, जो इस विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर अपने जीवन में सफल हुए हैं। आज अच्छे नागरिक होने के साथ ही किसी मुकाम पर हैं। विद्यालय में समारोह आयोजित कर बच्चों से मुलाकात कराएं, उनके अनुभव साझा करें, बच्चों से प्रश्न कराएं, उनके उत्तर उनसे दिलवाएं। ऐसा करने से बच्चों की सोच में बदलाव के साथ ही प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि शिक्षक स्वयं को केवल एक शिक्षक न समङों, बल्कि अभिभावक की तरह जिम्मेदारी निभाएं। कोई बच्चा आगे बढ़ता है तो स्वयं को बच्चे का अभिभावक भी समङों। उन्होंने शिक्षक दिवस पर विद्यालय में कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को शामिल करने पर बल दिया। बैठक में प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष कैलाश बाबू , जिलामंत्री आनंद प्रकाश गुप्ता, संरक्षिका शकुन्तला वर्मा, चरन सिंह, दिलशाद वारसी, संतोष प्रसाद, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉक्टर राजवीर सिंह, महामंत्री कमर इस्हाक, अंजुम स्नेही सक्सेना, अखिल शर्मा, जिला व्यायाम शिक्षक सलीम मियां, अनीसा लतीफ, सगुफ्ता मजहबी आदि मौजूद रहे
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