शिक्षामित्रों का आंदोलन शुक्रवार को उग्र हो गया। उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया। जवाब में पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया, अश्रुगैस छोड़ी और रबर बुलेट भी दागीं। संघर्ष में डेढ़ दर्जन से ज्यादा शिक्षामित्र और 10 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। बाद में शिक्षामित्रों ने जिला अस्पताल पहुंच वहां भी हंगामा किया और पथराव कर एक बस के शीशे तोड़ दिए। पुलिस ने चार दर्जन शिक्षामित्रों को गिरफ्तार कर लिया है।
पिछले कई दिनों से शिक्षामित्रों के धरना-प्रदर्शन चल रहा था। शुक्रवार को सुबह से ही वे सर्किट हाउस के बाहर आवास एवं शहरी नियोजन तथा व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री सुरेश पासी से मिलने के लिए डेरा डाले थे। तीन बजे के लगभग मंत्री सर्किट हाउस पहुंचे और उन्होंने पांच प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन शिक्षामित्र अड़ गए कि सभी अंदर जाएंगे। इसके बाद शिक्षामित्रों ने सर्किट हाउस के बाहर लगे पुलिस बैरियर को तोडड़ अंदर घुसने की कोशिश की, मगर पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। इस पर उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। जमकर ईंट-पत्थर बरसाए, जवाब में पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकरपीटा। हालात को काबू में करने के लिए अश्रुगैस के गोले छोड़े और रबर बुलेट दागीं। इतना सब कुछ होने के बावजूद शिक्षामित्र पीछे नहीं हटे और वे देर तक पथराव करते रहे। पथराव में सीओ सिटी वरुण कुमार, इंस्पेक्टर कोतवाली पंकज कुमार मिश्र समेत दस पुलिस कर्मी घायल हो गए। बाद में जिलाधिकारी अमित किशोर और एसएसपी अखिलेश कुमार चौरसिया ने पुलिस बल के साथ पूरे इलाके में पैदल मार्च किया। एसएसपी ने बताया कि शहर भर में कई थानों का फोर्स निरंतर गश्त कर रहा है। घटना के बाद शहर में अब शांति बनी हुई है।
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