महराजगंज : फरेंदा तहसील क्षेत्र में अवैध तरीके से संचालित स्कूलों को खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद उम्मीद जगी कि नए शैक्षिक सत्र में यह स्कूल जरूर बंद हो जाएंगे । जिससे यहां पढ़ने वाले बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिला लेंगे। इन बच्चों को मुफ्त में शिक्षा के साथ-साथ सरकार की योजनाओं का भी लाभ मिलेगा, लेकिन बेसिक शिक्षा के जिम्मेदार अधिकारियों की सांठगांठ के चलते अवैध स्कूल बंद होने की बजाए संचालित हो रहे हैं। जिस पर किसी भी जिम्मेदार की नजर नहीं पड़ रही है। योगी सरकार ने बिना मान्यता के स्कूल संचालन करने वालों पर अंकुश लगाते हुए सख्ती बरतने का आदेश दिया था। सरकार के आदेश में अवैध स्कूलों का संचालन बंद हो, आदेश की अवेहलना करने वाले स्कूलों पर एक लाख रुपये तक जुर्माना और साथ ही आदेश का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर 10 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से अर्थदंड लगाने का भी प्रावधान किया गया था। जिले में नए नियमों के तहत बिना मान्यता के स्कूल संचालन रोकने के कड़े निर्देश भी जारी किए गए थे। इसके बाबजूद योगी सरकार की सख्ती का स्थानीय स्तर पर कोई असर होता नहीं दिख रहा है। तत्कालीन बीइओ ने अवैध स्कूलों को चिह्नित कराकर नोटिस भी भेजे। इससे उम्मीद जगी थी कि गली-मुहल्लों में चल रहे अवैध स्कूलों का संचालन बंद हो सकेगा, लेकिन हैरत की बात है कि इतने के बाबजूद न सिर्फ अवैध स्कूलों का खुलेआम संचालन हो रहा है। जिस पर अभी तक कार्रवाई नहीं हो सकी। बेसिक शिक्षा अधिकारी जगदीश प्रसाद शुक्ल ने कहा कि अवैध रूप से संचालित स्कूलों को नोटिस दिया गया है। जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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