महराजगंज : शिक्षक बनाने के लिए अध्यादेश लाने सहित तीन सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तर प्रदेशीय शिक्षा मित्र संघ द्वारा किया जा रहा आंदोलन शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। वक्ताओं ने कहा कि बिना अपना अधिकार लिए शिक्षामित्र पीछे हटने वाले नहीं है। शासन को उनके हित में शिक्षक बनाने संबंधी अध्यादेश जारी करना होगा। धरने को संबोधित करते हुए शिक्षामित्र संघ के जिला संरक्षक सनंदन पांडेय ने कहा कि 25 जुलाई को आए फैसले ने शिक्षामित्रों के साथ उनके परिवार को भी बदहाली का जीवन जीना पड़ रहा है। शिक्षामित्रों द्वारा अपनी मांगों को लेकर लोकतांत्रिक ढंग से विरोध जताया जा रहा है, मगर शासन ने अब तक ध्यान नहीं दिया। जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता ने कहा कि सरकार व अधिकारियों के बीच हुई कई दौर के वार्ता के बाद शिक्षामित्रों को निर्णयात्मक फैसले की उम्मीद थी, लेकिन जिन बिन्दुओं पर सहमति बनीं उसे प्रस्ताव के रुप में कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत नही किया गया। संगठन कैबिनेट द्वारा पारित 10 हजार मानदेय को अस्वीकार करता है। शिक्षामित्रों ने अपने मुख्यमंत्री को भेजे अपने तीन सूत्रीय ज्ञापन में शिक्षक पद पर नया अध्यादेश लाने, समान कार्य व समान वेतन लागू करने तथा एनसीटीई एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव भेजने पर सहानुभूति पूर्वक विचार किए जाने की मांग की है। इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल यादव, महामंत्री शैलेंद्र नायक, कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश त्रिपाठी, उदयराज यादव, महेंद्र वर्मा, परवेज खां, अनिल गुप्ता, विष्णु प्रसाद, मनोज सिंह, कृष्णचंद सिंह, संतोष तिवारी, अरूण पटेल, राजकुमार पटेल, राजेशधर द्विवेदी, रमाकांती त्रिपाठी समेत काफी संख्या में शिक्षामित्र मौजूद रहे।
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