महराजगंज : शिक्षक बनाने के लिए अध्यादेश लाने सहित अन्य मांगों को लेकर उत्तर प्रदेशीय शिक्षा मित्र संघ फिर से आंदोलन के मूड में आ गया है। शिक्षामित्रों ने पुन: शिक्षक बनाने के लिए अध्यादेश लाने सहित अन्य मांगों को लेकर बुधवार को जिला मुख्यालय पर देते हुए कैबिनेट द्वारा पारित 10 हजार मानेदय के प्रस्ताव संबंधी आदेश की प्रतियों को जलाया तथा अपनी मांगों से संबंधित व मुख्यमंत्री को प्रेषित तीन सूत्रीय मांग पत्र भी जिला प्रशासन को सौंपा। धरने को संबोधित करते हुए शिक्षामित्र संघ के जिला संरक्षक सनंदन पांडेय ने कहा कि लंबे समय तक प्राथमिक विद्यालयों में सेवा देने के बाद आए निर्णय ने शिक्षामित्रों को निराश किया है। सरकार व अधिकारियों के बीच हुई कई दौर के वार्ता के बाद उन्हें बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद थी , मगर अभी तक शासन स्तर से कोई बड़ी राहत वाला फैसला नहीं लिया गया। जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता ने कहा सरकार ने कैबिनेट की बैठक में शिक्षामित्रों को प्रतिमाह 10 हजार का मानदेय देने की सहमति बनी है । जिसे संगठन अस्वीकार करता है। मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे खुद शिक्षामित्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए अतिशीघ्र नया अध्यादेश लाकर उन्हें शिक्षक बनाते हुए राहत प्रदान करें। धरने को वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल यादव, जिला महामंत्री शैलेंद्र नायक, जिला कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश त्रिपाठी ने भी संबोधित करते हुए शिक्षामित्रों की बढ़ी परेशानियों को गिनाया। सदर तहसीलदार को सौंपे अपने तीन सूत्रीय ज्ञापन में संघ ने शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर बनाए रखने के लिए नया अध्यादेश लाने, समान कार्य व समान वेतन लागू करने तथा एनसीटीई एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव भेजने की मांग की है। इस दौरान सूर्यभान उपाध्याय, उदयराज यादव, महेंद्र वर्मा, परवेज खां, अनिल गुप्ता, विष्णु प्रसाद, मनोज सिंह, कृष्णचंद सिंह, संतोष तिवारी, अरूण पटेल, राजकुमार पटेल, राजेशधर द्विवेदी, रमाकांती त्रिपाठी समेत काफी संख्या में शिक्षामित्र मौजूद रहे।
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