उप्र लोकसेवा आयोग की आरओ-एआरओ यानी समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2014 के दो माह पूर्व जारी हुए अंकपत्र में कई अभ्यर्थियों के नंबर शून्य आने की वजह उनका सीरीज न भरना था। आयोग से हुई जांच में इसका राजफाश हुआ है। अब अंकपत्र दुरुस्त करने के लिए ऐसे अभ्यर्थियों से प्रत्यावेदन मांगे गए हैं।
यूपी पीएससी ने आरओ एआरओ की यह परीक्षा 2015 में हुई थी। परीक्षा 650 पदों पर भर्ती के लिए थी। पिछले साल इसका रिजल्ट जारी हुआ और करीब दो माह पूर्व आयोग से सफल अभ्यर्थियों का अंकपत्र जारी हुआ है।
अंक देख कई अभ्यर्थियों के होश उड़ गए थे। कइयों को शून्य अंक तो कई अभ्यर्थियों को 60 में पूरे 60 अंक मिले थे। शून्य अंक वाले अभ्यर्थियों ने आयोग में अपनी आपत्ति दर्ज कराई तो इसकी जांच शुरू हुई। परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार ने इसमें गहनता से जांच कराई।
अंकपत्र दुरुस्त करने को मांगे प्रत्यावेदन: सोमवार को आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि जिन अभ्यर्थियों ने प्रश्नपत्र की सीरीज नहीं भरी थी उनके नंबर शून्य आए हैं। ऐसे अभ्यर्थियों के अंकपत्र दुरुस्त करने के लिए उनसे प्रत्यावेदन मांगे गए हैं। बताया कि पिछले दिनों प्रतियोगी छात्र मोर्चा के पदाधिकारियों ने कई बिंदुओं पर मांगपत्र के साथ उनसे मुलाकात की थी जिसमें उन्हें जांच का आश्वासन दिया गया था। बताया कि प्रत्यावेदन मिलने के बाद अभ्यर्थियों के अंकों को दुरुस्त किया जाएगा।
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