इलाहाबाद : अप्रैल 2018 से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (एनसीईआरटी) का पाठ्यक्रम लागू करने जा रहा यूपी बोर्ड व्याकरण के कारण हिंदी, अंग्रेजी व संस्कृत की किताबें नहीं बदलेगा। यूपी बोर्ड में हिंदी, अंग्रेजी व संस्कृत विषय की जो किताबें वर्तमान में चल रही हैं वह बनी रहेंगी।
विषय विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्रओं की शैक्षणिक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए इन तीनों विषयों का यूपी बोर्ड का पाठ्यक्रम ज्यादा बेहतर है। उपमुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने भी 26 सितंबर को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान साफ कर दिया है कि हंिदूी, अंग्रेजी व संस्कृत के पाठ्यक्रम से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। यानी वाणिज्य, इतिहास, भूगोल, अर्थशा�, सामाजिक विज्ञान आदि विषयों में बदलाव होगा।
एनसीईआरटी के विशेषज्ञों से हरी झंडी मिलने के बाद दिसंबर 2017 में किताबों का प्रकाशन होगा। 2018-19 सत्र से कक्षा 9 एवं 11 और 2019-20 सत्र से 10वीं एवं 12वीं में एनसीईआरटी की किताबें लागू होंगी।
संस्कृत भाषा का मौलिक स्वरूप विकृत न हो इसके लिए आवश्यक है कि इसके व्याकरणिक पक्ष से छेड़छाड़ न किया जाए। व्याकरण की पर्याप्त पाठ्य सामग्री संकलित होने के कारण यूपी बोर्ड के वर्तमान संस्कृत पाठ्यक्रम को बनाए रखना उचित है।-डॉ. विजयराज यादव, प्रवक्ता संस्कृत अग्रसेन इंटर कॉलेज
हिंदी, अंग्रेजी व संस्कृत के हमारे पाठ्यक्रम ही पढ़ाने का राज्य सरकार का फैसला उचित है क्योंकि व्याकरण का जो पाठ्यक्रम है उससे हंिदूी को सही ढंग से उच्चरित करने तथा बेसिक समझ को आसानी से मस्तिष्क में स्थिर करने में सहायक होती है। यही खूबी भाषा को रुचिकर तथा सरलता प्रदान करती है।-डॉ. दिलीप कुमार अवस्थी, प्रवक्ता हिंदी ब्वॉयज इंटर कॉलेज नैनी
No comments:
Write comments