कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए शुद्ध पेयजल के साथ ही शौचालय की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट के निर्देश पर जिलाधिकारियों ने हलफनामा दाखिल कर बताया था कि, बजट न होने से कालेजों में आरओ नहीं लग पा रहे हैं। बजट मिलते ही कार्यवाही की जायेगी। इस पर कोर्ट ने कहा था कि, सचिव ने हलफनामा देकर कोर्ट को बजट आने पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। इसके लिए एक महीने का समय दिया जा चुका है। कोर्ट ने कहा था कि, कालेजों में जो आरओ लगाये जाएं उनकी गुणवत्ता डीएम कार्यालय में लगे आरओ के समान हो।• एनबीटी ब्यूरो, इलाहाबाद
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि, प्रदेश के राजकीय बालिका विद्यालयों में शुद्ध पेयजल के लिए आरओ मशीन लगाने की जरूरत है। मशीन लगाने से इस आधार पर नहीं इंकार किया जा सकता कि, किसी स्कूल में पेयजल की गुणवत्ता पहले से ही बेहतर है।
मंगलवार को सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से हाई कोर्ट को जानकारी दी गयी कि, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश के उस पार्ट को स्टे कर दिया है, जिसमें हाई कोर्ट ने जिलाधिकारियों के दफ्तर व आवास से वाटर प्यूरीफायर निकालकर स्कूलों में लगाने को कहा था। इस पर कोर्ट ने कहा कि, राज्य सरकार दो दिन में बताए कि, सभी स्कूलों में शुद्ध पेयजल कब तक उपलब्ध करा दिया जाएगा।
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