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Sunday, October 22, 2017

उप्र लोकसेवा आयोग ने दिए बदलाव के संकेत, परीक्षा और साक्षात्कार में बड़े बदलाव की उम्मीद, सीसीटीवी व जैमर पर रहेगा जोर मनचाहे परीक्षा केंद्रों का आवंटन

उप्र लोकसेवा आयोग पीसीएस परीक्षा में कई बदलाव करने जा रहा है। साथ ही यह एलान भी हो चुका है कि अगली परीक्षाओं में माइनस मार्किंग भी होगी। इन घोषणाओं से प्रतियोगियों में बड़े बदलाव की उम्मीद जगी है, क्योंकि अब तक जो भी निर्णय हुए हैं वह नई पहल जरूर है, लेकिन उसे अंतिम पड़ाव नहीं कहा जा सकता। आयोग में आमूलचूल बदलाव की तमाम गुंजाइश अभी शेष है।


सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद से उप्र लोकसेवा आयोग की व्यवस्थाओं में कई बदलाव हुए हैं और तमाम दावे भी किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर बहुत बदलाव नहीं हो सका है। शासन आयोग की हर गतिविधि पर नजर रखे है और भर्तियों की सीबीआइ जांच भी शुरू होनी है ऐसे में अफसर परीक्षा में गड़बड़ी रोकने को सचेत हैं। कई पुराने नियम अफसर चाहकर भी बदल नहीं पा रहे हैं। पिछले दिनों पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा के केंद्र निर्धारण में पुरानी परिपाटी ही हावी रही है। उन्हीं जिलों में केंद्र बनाए गए, जहां पहले के वर्षो में बनते आए हैं। साथ ही परीक्षार्थियों से केंद्र का विकल्प लेने की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है। हालांकि आयोग ने आगे से परीक्षा केंद्र का विकल्प लेने का वादा जरूर किया है। वहीं, इस बार भी ऐसे विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है, जहां तक पहुंचने का रास्ता तक दुरुस्त नहीं था। यही नहीं परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाने के लिए शासन से बजट न मिलने के कारण वादा पूरा नहीं हो सका है। हालांकि आयोग ने इस बार उन कर्मियों को परीक्षा से बाहर करने का निर्देश जरूर जारी किया है, जिनके पाल्य परीक्षा दे रहे हैं। यह शुचिता की दिशा में अच्छा कदम रहा है।


आयोग इधर लगातार लंबित परीक्षा परिणाम जारी कर रहा है। हालांकि अब भी कई रिजल्ट और कुछ अहम परीक्षाएं लंबित हैं। दावा है कि सारे रुके रिजल्ट दिसंबर तक जारी हो जाएंगे। बीते 21 जुलाई को मुख्य सचिव ने आयोग अफसरों की बैठक में साक्षात्कार में अंक देने का नियम बदलने को कहा। इसमें बोर्ड अध्यक्ष के साथ सभी सदस्य अंक दें। उस समय आयोग ने हामी भरी बाद में नियमावली का हवाला देकर इसे लागू करने से मना कर दिया गया है। जिस तरह से पीसीएस के साक्षात्कार के अंक घटाए गए हैं, उसी तर्ज पर यदि यह नियम लागू हो जाए तो इसे बड़ा सुधार कहा जाएगा। आयोग सचिव जगदीश कहते हैं कि सारी व्यवस्थाएं ठीक हो रही हैं। जल्द ही तमाम बदलाव और दिखेंगे।

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