उच्च शिक्षण संस्थानों की तर्ज पर सीबीएसई स्कूलों की भी अब रैंकिंग होगी। इसकी शुरुआत केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों से होगी। मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने दोनों ही विद्यालय संगठनों से इसके लिए एक गाइडलाइन तैयार करने को कहा है। साथ ही निर्देश दिया है कि अगले शैक्षणिक सत्र से इसे शुरू करने की की जाए। मौजूदा समय में देशभर में 1128 केंद्रीय विद्यालय और 589 नवोदय विद्यालय हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रलय की इस पहल को स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धा शुरू होने पठन-पाठन में सुधार होगा। साथ ही ऐसे विद्यालयों को भी चिह्नित करने में मदद मिलेगी, जो अपनी किसी न किसी कमजोरी के चलते पिछड़ रहे हैं। तो उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच ऐसी ही प्रतिस्पर्धा से सुधार सामने आने के बाद यह पहल की गई है। मौजूदा समय में देशभर में सीबीएसई से संबद्ध 17 हजार से ज्यादा स्कूल हैं। स्कूलों की रैंकिंग तय करने का जो आधार होगा, उनमें विद्यालय का बुनियादी ढांचा, खेलकूद की सुविधाएं, छात्रों के क्लास रूम, पुस्तकालय आदि शामिल हैं। इसके अलावा एक शिक्षक पर छात्रों की औसत संख्या, शिक्षकों की योग्यता, पास आउट होने वाले छात्रों का प्रतिशत, प्रोफेशनल कोर्सो के लिए छात्रों के चयन का प्रतिशत और फीस जैसे मानक भी शामिल होंगे।’
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