प्राथमिक विद्यालय की चहारदीवारी व शौचालय निर्माण के लिये 76 लाख रुपये शिक्षा विभाग ने जारी किये थे। निर्माण कार्य का जिम्मा भवन प्रभारी को सौंपा गया था। पर, अधिकतर जगह पर चारदीवार व शौचालय का अधूरा काम हुआ। वहीं कुछ जगह पर तो काम की शुरूआत ही नहीं हुई। इस बीच जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्राथमिक विद्यालय में हुये काम की समीक्षा की तो सरकारी धन के दुरूपयोग का मामला उजागर हुआ। जिसकी जांच के बाद बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने वजीरगंज कोतवाली में भवन प्रभारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। गंगादीनखेड़ा विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक सतीश द्विवेदी के पास भवन प्रभारी का भी चार्ज था। वर्ष 2005 से 2012 के बीच सर्वशिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक विद्यालयों की चारदीवारी, कमरों व शौचालय का निर्माण होना था। इसके लिये अलग-अलग समय पर धनराशि स्वीकृत की गई थी। वर्ष 2014 में प्रवीण मणि त्रिपाठी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का पद संभाला। जिसके बाद विभाग की बैठक बुलाई। इसी दौरान प्राथमिक विद्यालय के निर्माण कार्य में हुये फर्जीवाडे का खुलाया हुआ।जांच में साबित हुआ आरोप: सहायक अध्यापक सतीश द्विवेदी के खिलाफ विभागीय जांच के लिये उपबेसिक शिक्षा अधिकारी नीरा त्रिवेदी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी। जिसमें खंड अधिकारी शिवनंदन सिंह, सहायक वित्त लेखाधिकारी सतीश वर्मा और जिला समन्वयक (निर्माण) सुमित वर्मा शामिल थे। जांच कमेटी ने एक महीने बाद रिपोर्ट प्रस्तुत की। कमेटी ने सतीश द्विवेदी पर लगे आरोप को सही पाया। 19 दिसंबर 2014 को सहायक अध्यापक सतीश द्विवेदी को निलम्बित किया गया था। सतीश से उन पर लगे आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा था। पर, उन्होंने पत्र का जवाब नहीं दिया। इन स्कूलों में होना था निर्माण:प्राथमिक विद्यालय प्रेमवती नगर, कनौसी, बेहसा, घोसियाना, मिर्जापुर, गंगादीनखेड़ा, मर्दनखेड़ा, बरीकलां, शंकरपुरवा,बल्दीखेड़ा, अम्बेडकरनगर, पंडितखेड़ा, गहरू, अमौसी व हराईनखेड़ा में चारदीवारी, अतिरिक्त कक्ष व शौचालय का निर्माण होना था।
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