अंधेरगर्दी : सह समन्वयकों के निजी खाते में भेज दिया पुस्तक उठान का पैसा, सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी का कारनामा, निदेशालय तक शिकायत के बाद भी मामला ठण्डे बस्ते में
■ बीआरसी के बैंक खाते में भेजी जानी चाहिए थी धनराशि
सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी सर्व शिक्षा ने कमीशनखोरी के चक्कर में पाठय़ पुस्तकों की उठान व ढुलाई की सरकारी रकम 15 विकास खण्डों में सह समन्वयकों के निजी बैंक खातों में भेज दी। निदेशालय तक पंहुचा यह प्रकरण फिलवक्त ठण्डे बस्ते में है। मालूम हो कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी ने जनपद के 15 विकास खण्डों में परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को वितरित की जाने वाली नि:शुल्क पाठय़ पुस्तकों के उठान की सरकारी रकम ब्लाक संसाधन केन्द्रों (बीआरसी) पर खण्ड शिक्षा अधिकारी व सह समन्वय के संयुक्त बैंक खातों में भेजने के बजाय चहेते सह समन्वयकों के निजी बैंक खातों में भेज दी।
र्चचा है कि सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी ने ऐसा कृत्य कमीशनखोरी के चक्कर में किया है। खण्ड शिक्षा अधिकारी पहला पुष्पेन्द्र जैन ने इस मामले को न सिर्फ प्रमुखता से उठाया बल्कि उसे निदेशालय स्तर तक भी ले गए। निदेशालय स्तर तक पंहुचने के बाद भी इस मामले में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं जिला प्रशासन ने भी इस प्रकरण को नजरअंदाज कर दिया।
बताते चलें कि शासन द्वारा परिषदीय स्कूलों के बच्चों में नि:शुल्क उपलब्ध करायी जाने वाली पाठय़ पुस्तकों को जनपद मुख्यालय से ब्लाक स्तर पर स्थित बीआरसी तक पंहुचाये जाने का प्रावधान है। इसके लिए होने वाले व्यय का बिल प्रस्तुत किए जाने पर विभाग भुगतान करता है। यह भुगतान सिर्फ और सिर्फ सरकारी बैंक खातों में ही भेजा जा सकता है। घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जानने के लिए जब सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी प्रमोद गुप्त से मोबाइल फोन पर कई बार प्रयास किया गया पर सम्पर्क नहीं हो सका।
इस मामले पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अजय कुमार का कहना है कि वह सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी से स्पष्टीकरण तलब कर यथोचित कार्रवाई करेंगे।
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