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Saturday, November 11, 2017

मैनपुरी : बीएड फर्जी डिग्री मामले की जांच में हेरा फेरी, एक दर्जन शिक्षकों से की गयी नाम हटवाने हेतु 4लाख की डिमांड

चार लाख रुपए दे दो, हटा देंगे नाम

10 और मिले फर्जी डिग्री वाले शिक्षक, अब तक 95

बीएड की फर्जी डिग्री मामले की जांच में हेराफेरी, एक दर्जन शिक्षकों से डिमांड1


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जागरण संवाददाता, मैनपुरी: बीएड की फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वालों की पहचान में भी अब खेल शुरू हो गया है। पहचान वाली सूची से नाम हटाने का झांसा देकर चार-चार लाख तक की मांग की जा रही है। एक दर्जन शिक्षकों से ऐसी ही डिमांड हो चुकी है।1डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में हुए बीएड फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है। जांच में रोज फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों की संख्या बढ़ रही है। बेसिक शिक्षा विभाग में एसआइटी से मिली सीडी से शिक्षकों का मिलान कर रहा है। अभी पहचान का काम पूरा नहीं हुआ है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि बीएसए कार्यालय में ऐसे शिक्षकों की पहचान छिपाने का तानाबाना बुना जा रहा है। फर्जी डिग्रीधारक शिक्षकों की पहचान छिपाने के लिए चार-चार लाख रुपये की डिमांड रखी गई है। जो शिक्षक ये धनराशि देने के लिए तैयार हैं, उनका नाम फर्जी डिग्रीधारक शिक्षकों की सूची में शामिल न करने की बात हुई है। 1एसआइटी ने जांच को जो सूची उपलब्ध कराई है, उसमें केवल शिक्षक का नाम दिया गया है। शिक्षक की तैनाती कहां है ये खोजना विभाग का काम है। नाम से कर्मचारी शिक्षक की तैनाती वाले स्थल का मिलान कर रहे हैं। इसके चलते विभागीय कर्मचारी अपनी जेबें भरने की फिराक में हैं। इस पूरी जांच से बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मची हैं। 1ऐसे में जिले में कभी तैनात रहे शिक्षक भी विभागीय कर्मचारियों से साठगांठ कर अपने नाम जानने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार एक दर्जन शिक्षक कार्यालय के कर्मचारियों के संपर्क में हैं। शिक्षकों का नाम फर्जी डिग्रीधारकों की सूची में है या नहीं इसकी जानकारी देने के लिए भी खूब कमाई की जा रही है।जिले में शनिवार को 10 और फर्जी शिक्षकों की पहचान हो गई है। इससे अब फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की संख्या बढ़कर 95 हो गई है। शासन द्वारा भेजी गई सूची से मिलान का कार्य अभी भी चल रहा है। अभी इस कार्य को पूरा करने में दो दिन का समय और लग सकता है।जांच पूरी निष्पक्षता के साथ कराई जा रही है। अब तक ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है, लेकिन फिर भी पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। अगर ऐसा कुछ पाया जाता है तो संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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