परिषदीय विद्यालयों में एससी/एसटी के आरक्षण का लाभ पाकर पदोन्नत हुए 198 अध्यापकों को पदावनत कर दिया गया है। वहीं पदोन्नति पाने वाले 238 सहायक अध्यापकों का वेतनवृद्धि फ्रीज कर दिया गया है। वरिष्ठता क्रम में सामान्य की श्रेणी के अध्यापकों के समकक्ष वेतन पहुंचने के बाद उनका इंक्रीमेंट जारी किया जाएगा। इसे लेकर एससी/एसटी संवर्ग के अध्यापकों में खलबली मची है। बहरहाल हाईकोर्ट के आदेश पर पदावनत होने के कारण एससी/एसटी संवर्ग का कोई भी अध्यापक बोलने को तैयार नहीं है। 1आरक्षण के तहत जनपद के परिषदीय विद्यालयों में एससी/एसटी संवर्ग 436 अध्यापकों की पदोन्नति 15 नवंबर 1997 से लेकर 20 अप्रैल 2012 के बीच हुआ था। हाईकोर्ट ने फरवरी 2017 को आदेश दिया कि पदोन्नति में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता है। इसके तहत विभिन्न विभागों में आरक्षण से पदोन्नत हुए एससी/एसटी संवर्ग के अध्यापकों व कर्मचारियों को बैक कर दिया गया था। वहीं परिषदीय विद्यालयों के आरक्षण से पदोन्नत हुए एससी/एसटी संवर्ग के अध्यापकों को अब तक बैक नहीं किया गया था। इस संबंध में दाखिल एक याचिका पर हाईकोर्ट, इलाहाबाद इसे गंभीरता से लिया और बीएसए से तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। 1हाईकोर्ट के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बृजभूषण चौधरी ने आरक्षण से पदोन्नत हुए एससी/एसटी संवर्ग के अध्यापकों के पदावनत का आदेश जारी कर दिया। उन्होंने बताया कि जूनियर हाईस्कूल में कार्यरत 198 सहायक अध्यापकों को पदावनत करते हुए उन्हें प्राथमिक विद्यालय में कर दिया गया है। इतना ही नहीं उनकी तैनाती भी प्राथमिक विद्यालय में कर दी गई है। वहीं वरिष्ठता क्रम में 238 सहायक अध्यापक अब पदोन्नति के हकदार हो गए थे। इसके चलते उनको पदावनत नहीं किया गया लेकिन उनकी पदोन्नति सामान्य वर्ग के अध्यापकों से पहले हो गई थी। इसके चलते उन्हें वर्तमान में सामान्य वर्ग से अधिक वेतन मिल रहा है। सामान्य वर्ग के समकक्ष वेतन पहुंचने तक उनकी वेतन वृद्धि नहीं होगी।’
पदोन्नति पाने वाले 238 सहायक शिक्षकों की वेतन वृद्धि फ्रीज
>सामान्य श्रेणी के शिक्षकों के समकक्ष वेतन पहुंचने के बाद होगा जारीएक दर्जन की छिनी कुर्सी आरक्षण का लाभ पाकर करीब एक दर्जन एससी/एसटी संवर्ग के अध्यापक हेड मास्टर बन गए थे। पदावनत होने के बाद उनकी हेड मास्टर की कुर्सी भी चली गई है।
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