इलाहाबाद : यूपी बोर्ड परीक्षा 2018 के लिए अब प्रदेश में नए परीक्षा केंद्र नहीं बन सकेंगे। माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने बोर्ड सचिव को निर्देश दिया है कि नकल विहीन परीक्षा के लिए सख्त कदम उठाने हैं, ऐसे में बिना किसी के दबाव में आए नए केंद्रों के अनुरोध को खारिज कर दें। उन्होंने कहा कि जो कालेज परीक्षा केंद्र बन गए हैं, अब उन्हीं पर ध्यान केंद्रित करके शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा कराना है।
अपर मुख्य सचिव गुरुवार को यूपी बोर्ड मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने नए सत्र से लागू होने वाले पाठ्यक्रम की पुस्तकों की उपलब्धता के लिए ई-टेंडर आदि पर विस्तार से चर्चा की। शासन का निर्देश जारी कर चुका है। मार्च माह तक हर हाल में किताबें बाजार में आ जाएं। बोर्ड को 22 दिसंबर तक ई-टेंडर नए नियम व शर्तो के साथ वेबसाइट पर अपलोड होना है। इस प्रक्रिया की तैयारियों की समीक्षा संग अपर मुख्य सचिव ने कई अहम सुझाव भी दिए, उन्हें समाहित करते हुए अब नया प्रस्ताव तैयार हो रहा है। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव की मानें तो शुक्रवार शाम तक ई-टेंडर अपलोड करने की तैयारी है। असल में इस बार पुस्तकें सस्ती दरों पर व नए कलेवर में आनी हैं।
कई प्रकरण कोर्ट में लंबित : बोर्ड प्रशासन सभी मामलों का जवाब तैयार कर रहा है। लखनऊ खंडपीठ में एक साथ 17 कालेजों ने केंद्र को लेकर याचिका दायर की है।
■ केंद्र बनाए जाने पर सवाल : कौशांबी में ज्योति बालिका इंटर कालेज पूरा मुफ्ती की प्रधानाचार्या ने बोर्ड के सभापति से शिकायत की है कि विवादित कालेज को परीक्षा केंद्र बनाया है। महर्षि दयानंद इंटर कालेज मनौरी इलाहाबाद के प्रबंधन का विवाद कोर्ट में चल रहा है, फिर भी उसे परीक्षा केंद्र बनाया गया है। जिला समिति ने इस तथ्य की अनदेखी करके केंद्र बनाया है। इससे नकल विहीन परीक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। छात्रओं साथ अनहोनी हो सकती है। ऐसे में बोर्ड प्रशासन जिम्मेदार होगा।
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