■ दसवीं व बारहवीं के कमजोर विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश,
नई दिल्ली : सरकारी स्कूलों में दसवीं व बारहवीं कक्षा के परिणाम बेहतर करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। इसके तहत 150 सरकारी स्कूलों में 25 फीसद (एक चौथाई) कमजोर विद्यार्थियों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं।
दसवीं व बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम बेहतर करने के लिए शिक्षा निदेशालय ने इस शैक्षणिक वर्ष में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जिसके तहत 28 फरवरी तक सभी शिक्षकों के अवकाश रद कर दिए गए हैं। वहीं, निदेशालय ने अपने अधिकारियों को स्कूलों को गोद देते हुए उन्हें स्कूल का मेंटर अधिकारी नियुक्त किया हुआ है। पूर्व में जिला उपशिक्षा निदेशकों को स्कूलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया था। जिसके आधार पर शिक्षा निदेशालय ने निम्न प्रदर्शन करने वाले 150 सरकारी स्कूलों की सूची तैयार की है।
इन स्कूलों के प्रधानाचार्य को निदेशालय निर्देश दिया है कि वे अपने स्कूल में दसवीं व बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों में से 25 फीसद कमजोर विद्यार्थियों की सूची तैयार करें। सूची प्रत्येक विषय के आधार पर तैयार की जानी चाहिए। निदेशालय ने कहा है कि कमजोर विद्यार्थियों की पहचान कर उनका प्री बोर्ड, मॉक टेस्ट लिया जाए। साथ ही कमजोर विद्यार्थियों की उपस्थिति का रिकार्ड भी प्रेषित करने का निर्देश दिया गया है।
वहीं, जोन व जिला उपशिक्षा निदेशकों को निदेशालय ने स्कूल में शिक्षकों की उपलब्धता बनाए रखने का निर्देश दिया है। स्कूल के मेंटर अधिकारियों को स्कूल का प्रदर्शन बेहतर करने के लिए 19 दिसंबर से पहले अपने स्कूल का मुआयना करने का निर्देश दिया गया है। शिक्षा निदेशालय ने कहा है कि इन गतिविधियों के आधार पर 22 दिसंबर को समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी।
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