हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ में महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी महिलाओं का मामला पहुंचने और न्यायालय द्वारा विभागीय निदेशक को वार्ता किये जाने व मानदेय बढ़ाये जाने का निर्देश दिये जाने के बाद 28 सितम्बर से प्रदेशभर मे आंगनबाड़ी महिलाओं का आंदोलन नौ जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। यह जानकारी महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश कुमार पाण्डेय ने दी। उन्होंने कहा कि नौ जनवरी तक अगर मानदेय नहीं बढ़ाया जाता है तो दस जनवरी से दोबारा आंदोलन किया जाएगा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री पाण्डेय ने न्यायालय के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि उचित बेंच में प्रकरण की सुनवाई की जाएगी। अब शीतकालीन अवकाश होने के कारण उच्च न्यायालय बंद रहेगा,इसलिए अगली सुनवाई हाईकोर्ट भी बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि विधानभवन सदन में आंगनबाड़ी महिलाओं के दुखदर्द विधानभवन सदन में उठाने पर विधायकों को अभार भी व्यक्त किया। श्री पाण्डेय ने कहा कि संसद सदस्य भैरों प्रसाद मिश्र ने संघ की मांग के अनुरूप पंजीरी सिडीकेट के द्वारा पंजीरी के स्थान पर वैकल्पिक भोज्य का मामला उठाया जिसपर केन्द्रीय मंत्री संसद को भी बताया गया है कि अब राज्य सरकार को हाट कुक्डमील देने नाश्ता और अन्य भोजना देने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी महिलाओं ने लगातार 60 दिन की बदस्तर लड़ाई राज्य सरकार के वादा खिलाफी के विरुद्ध सभी जिलो में सफलतापूर्वक चलायी गयी जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकतर्््िायों/ सहायिकाओं को अनेक धमकियां उत्पीड़न और सीतापुर में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम जैसी अमानवीय कार्रवाई संघ की जिलाध्यक्ष नीतू सिंह समेत चार अन्य महिलाओं करके जेल तक भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि आठ जनवरी तक कृषि उत्पादन आयुक्त से रिपोर्ट प्राप्त कर लेगी तब तक लिए आंदोलन को स्थगित किया जाता है। इस मौके पर प्रदेश महासचिव नीलम पाण्डेय, प्रदेश सचिव नीतू सिंह, जिलाध्यक्ष रामादेवी वर्मा, सुनन्दा तिवारी, सुधा, सरोजनीनगर ब्लाक अध्यक्ष रेनू सिंह व दीप्ति सिंह, शशि, सुमन, कुसुम, प्रबल क्रांति,अल्पना मौर्या, रीता सिंह, अनीता वर्मा, मीना सोनकर, मंजू, मनीषा, रेनू शुक्ला, माधुरी आदि प्रमुख रुप से मौजूद थीं।
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