उप्र राज्य सरकार द्वारा संचालित वातानुकूलित परिवहन बसों में राष्ट्रीय एवं राज्य पुरस्कार से पुरस्कृत शिक्षक एवं प्रधानाचार्यों को निशुल्क यात्रा की सुविधा दिये जाने की मांग शिक्षकों ने प्रदेश सरकार से की है। प्रदेश सरकार ने इस मांग पर विचार का आश्वासन दिया।प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा से वित्तविहीन शिक्षक महासभा के प्रतिनिधियों ने उमेश द्विवेदी एवं संजय मिश्रा के नेतृत्व में मिलकर अपना मांगपत्र रखा। महासभा ने वित्तविहीन शिक्षकों के लिए सेवा नियमावली बनाने, वित्तविहीन विद्यालयों में शिक्षकों व कर्मचारियों की ऑनलाइन डाटा रखे जाने, अंशकालिक के स्थान पर वित्तविहीन शिक्षक लिखे जाने, सहायता प्राप्त विद्यालयों में पांच वर्ष से अधिक पढ़ाने वाले माध्यमिक शिक्षकों को समायोजित करने, बीमा सुविधा दिये जाने, परीक्षा में वित्तविहीन शिक्षकों को अनुपातिक स्थान दिये जाने, केन्द्र निर्धारण के समय वित्तविहीन विद्यालयों को समान भार दिये जाने इत्यादि की मांग की। जिस पर उप मुख्यमंत्री डा. शर्मा ने वित्तीय साधनों को दृष्टिगत रखते हुए निर्णय लेने पर विचार करने का आश्वासन दिया।डा. यज्ञदत्त शर्मा (एमएलसी) के नेतृत्व में उप्र प्रधानाचार्य परिषद ने उप मुख्यमंत्री से मुलाकात की। प्रधानाचार्य परिषद ने केन्द्रीय शिक्षा की भांति एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों को सम्मिलित किये जाने की मांग पर डा. शर्मा ने कहा कि इस प्रस्ताव पर कार्यवाही हो चुकी है। समिति में जिले के दो वरिष्ठतम प्रधानाचार्य, एक लेखाधिकारी, सबसे अच्छे परिणाम वाले विद्यालयों के दो शिक्षक, एक अभिभावक प्रतिनिधि एवं एक कर्मचारी प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस समिति का कार्यकाल एक वर्ष का होगा तथा प्रत्येक माह में एक दिन इस समिति द्वारा समस्या निवारण दिवस मनाया जायेगा।
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