• कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षांत समारोह में पहुंचे वेंकैया नायडू
दीक्षांत समारोह में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दिए विद्यार्थियों को पदक।
उप राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार सोमवार को कानपुर पहुंचे वेंकैया नायडू ने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में कृषि और संस्कृति विषय होने चाहिए। वे चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि को कैसे लाभदायक बनाया जाए, इसकी जिम्मेदारी कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और वैज्ञानिकों की है।
बतौर मुख्य अतिथि उप राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा और मातृभूमि को कभी नहीं भूलना चाहिए। हमारे देश का इतिहास पांच हजार साल से भी ज्यादा पुराना है। मैं अंग्रेजी के विरुद्ध नहीं हूं लेकिन यदि हम अपनी मातृभाषा में बात करें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। मातृभाषा हर एक को सीखनी चाहिए। साथ ही हमें अपने पूर्वजों को भी नहीं भूलना चाहिए। जिस तरह मां शब्द उच्चारण में अंदर से निकलकर आता है, उसी तरह अम्मी शब्द भी अंदर से निकलता है। छात्रों से उप राष्ट्रपति ने कहा कि हमें भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहन देना चाहिए। साथ ही प्रत्येक देशवासी को अपनी मातृभाषा से इतर एक अन्य क्षेत्रीय भाषा को भी सीखने का प्रयास करना चाहिए।
दीक्षांत समारोह में 424 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं। इनमें से 28 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई। उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर सात विद्यार्थियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, सात को विश्वविद्यालय रजत पदक, सात छात्रों को विश्वविद्यालय कांस्य पदक व 10 को प्रायोजित स्वर्ण पदकों से सम्मानित किया गया। इस दौरान राज्यपाल राम नाईक ने कृषि वैज्ञानिक डॉ. एनएस राठौर व प्रफेसर एमपी पांडेय को डॉक्टर ऑफ साइंस मानद उपाधि से अलंकरण का प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
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