दिसंबर का पहला सप्ताह बीतने को है। मगर माध्यमिक शिक्षा परिषद की सुस्ती के चलते 6 फरवरी 2018 से होने जा रही बोर्ड परीक्षाओं के लिए केंद्र निर्धारण की संशोधित सूची अब तक जारी नहीं हो सकी। जबकि विभाग द्वारा 30 नवंबर तक अंतिम सूची जारी करने का दावा किया गया था। ऐसे में यदि फिर भी सूची में कोई विसंगति रह जाती है तो उसका खामियाजा छात्रों को ही भुगतना पड़ सकता है।
गौरतलब है की परीक्षाओं के लिए परिषद द्वारा किए गए ऑनलाइन केंद्र निर्धारण में जबरदस्त खामियां रही हैं। विभाग द्वारा परीक्षा के लिए प्रस्तावित केंद्रों की सूची में ऐसे विद्यालय शामिल कर लिए गए, जो मानकों से कोसों दूर व दागी छवि के थे। केंद्र निर्धारण में बरती गई हीलाहवाली के चलते विभाग की जमकर फजीहत हुई। उच्चाधिकारियों ने भी बैठकों के दौरान शासन की मंशा के अनुरूप केंद्र बनाए जाने के निर्देश दिए। जिसके बाद परिषद ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से परीक्षा केंद्रों के संबंध में आपत्तियां मांगी। परिषद का दावा था कि आपत्ति निस्तारण के साथ ही 30 नवंबर तक केंद्रों की अंतिम सूची सार्वजनिक की जाएगी। मगर एक सप्ताह का समय बीतने के बाद भी विभाग द्वारा बोर्ड परीक्षा की अंतिम सूची जारी नहीं की जा सकी।
विभागीय जानकारों का कहना है कि यदि बोर्ड द्वारा केंद्रों के निर्धारण में अनावश्यक विलंब होता है तो बोर्ड परीक्षा से संबंधित अन्य तैयारियां भी प्रभावित होंगी। जैसे की कक्ष निरीक्षकों की तैनाती। कहा जा रहा है कि जब केंद्र निर्धारण सुनिश्चित नहीं हो जाता है तब तक कक्ष निरीक्षकों की संख्या का आंकलन नहीं हो सकता है। इससे अंतिम समय पर इस बात की अधिक संभावना होगी कि फर्जी कक्ष निरीक्षकों की तैनाती कराने में नकलमाफिया सफल हो जाएं। 1
देरी पर उठ रहे सवाल : तमाम शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि केंद्र निर्धारण में अंतिम सूची जारी होने के पीछे कुछ अपने चहेतों को अनुचित लाभ पहुंचाने की मंशा भी हो सकती है। जो कि हर बार होता रहा। ऐसे में परीक्षा की शुचिता इस बार भी प्रभावित हो सकती है।
कुशीनगर, संभल, गाजीपुर व सिद्धार्थ नगर जनपद से केंद्र सूची फाइनल नहीं हो सकी है। इस कारण अंतिम सूची जारी करने में विलंब हो रहा है। जल्द ही परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची सार्वजनिक कर दी जाएगी।
नीना श्रीवास्तव, नीना श्रीवास्तव, सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद ’
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