विदेशी छात्रों को लुभाने के लिए सरकार ने एक बड़ी पहल की है। इसके तहत अब वह देश के शीर्ष शिक्षण संस्थानों संग मिलकर दुनिया के तमाम देशों में बड़े-बड़े रोड शो करेगी। फिलहाल योजना के तहत जिन देशों पर फोकस किया गया है, उनमें सार्क, मध्य पूर्व और अफ्रीका सहित दुनिया के ऐसे देश शामिल हैं, जहां से मौजूदा समय में बड़ी संख्या में छात्र हर साल पढ़ाई के लिए भारत आते हैं। वर्तमान में हर साल औसतन 30 से 40 हजार विदेशी छात्र भारत में पढ़ाई के लिए आते हैं। सरकार का लक्ष्य अगले तीन वर्षो में इस संख्या को एक लाख के पार पहुंचाना है।
मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय से जुड़ी स्वायत्त संस्था एजुकेशन कंसलटेंट इंडिया लिमिटेड (एडसिल) ने फिलहाल विदेशी छात्रों को लुभाने का यह जिम्मा उठाया है। इसे लेकर एडसिल ने मंत्रलय को एक प्लान दिया है। मंत्रलय ने इसे सैद्धांतिक रूप से अपनी सहमति दे दी है। उसने एडसिल से जरूरी तैयारियां करने के लिए कहा है। इसमें देश के शीर्ष शिक्षण संस्थानों से करार करना शामिल है। योजना के तहत शीर्ष शिक्षण संस्थान अब विदेश में घूम-घूमकर अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों की जानकारी देंगे। पढ़ने के इच्छुक विदेशी छात्रों को मिलने वाली सहूलियतें भी बताएंगे।
एडसिल के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, पूरी योजना को वह विदेश में आमंत्रण के रूप में लेकर जाएंगे। जहां वह विदेशी छात्रों को बताएंगे, वह पढ़ने के लिए भारत आएं। योजना की शुरुआत नए साल से की जाएगी।
विदेशी छात्रों के लिए कम से कम 10 सीटें मुहिम से जुड़ रहे शीर्ष शिक्षण संस्थानों को एडसिल ने अपने यहां विदेशी छात्रों के लिए कम से कम 10 सीटें आरक्षित करने को कहा है। एडसिल से जुड़े अधिकारियों की मानें तो विदेशी छात्रों के प्रवेश की प्रक्रिया को यदि सरल किया जाता है, तो निश्चित ही उनका रुझान भारतीय शिक्षण संस्थानों की ओर बढ़ेगा। एडसिल वर्तमान में देश और विदेशी छात्रों के लिए दूरस्थ शिक्षा के कई पाठ्यक्रम संचालित कर रही है
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