केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार का स्वच्छता पर विशेष जोर है। गांव-गांव में घर-घर शौचालय बनवाए जा रहे हैं। स्कूली बच्चे जन जागरूकता रैली निकालकर लोगों को खुले में शौच न करने के प्रति जागरूक कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों की का आलम यह है कि लोगों को जागरूक करने वाले बच्चे स्वयं शौच के लिए बाहर जाने को विवश हैं।
बड़हलगंज ब्लाक के दर्जनभर परिषदीय विद्यालयों के शौचालय बदहाल हैं। कई शौचालय ध्वस्त होने के कगार पर हैं, यह वर्षो से बंद पड़े हैं। प्राथमिक विद्यालय सकतपुरा में बना शौचालय के के बाहर चारों तरफ झाड़-झंखाड़ फैला हुआ है। शौचालय की दुर्दशा से शिक्षक व बच्चे खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं।
इसके अलावा क्षेत्र के उच्च प्राथमिक विद्यालय सेमरा खुर्द व प्राथमिक विद्यालय तिहामुहम्मदपुर में अब तक शौचालयों का निर्माण नहीं हो सका। वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालय फड़सार, तिहामुहम्मदपुर, सेमरा खुर्द, महुआपार, प्राथमिक विद्यालय बड़हलगंज प्रथम, नरहरपुर प्रथम, बैदवली नवीन, कुल्दवाबारी, सकतपुरा,महराजगंज, खोहियापट्टी स्थित प्राथमिक विद्यालयों का शौचालय पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों द्वारा विभाग को सूचना देने के बाद भी समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र यादव का कहना है कि ध्वस्त हो चुके शौचालयों के मरम्मत की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान को दी गयी है। इसके लिए ब्लाक द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी देखरेख में कार्य होगा। मैंने ध्वस्त शौचालयों की सूची ब्लाक मुख्यालय को सौंप दी है।बड़हलगंज के सकतपुरा गांव के प्राथमिक विद्यालय में बदहाल शौचालय
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