जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारी अब रंग-बिरंगे कपड़ों में नहीं, बल्कि ड्रेसकोड में नजर आएंगे। ऐसा बीएसए संजय कुमार शुक्ला की पहल से संभव हो सका है। उन्होंने निजी स्रोतों से कर्मचारियों के लिए ब्लेजर और स्वेटर खरीदे।
गुरुवार को कार्यालय पहुंचे सीडीओ ने वितरण कर इस पहल की सराहना की। साथ ही अन्य विभागों के लिए भी इसे प्रेरणादायी बताया। इसके साथ ही प्रदेश का पहला ऐसा बेसिक शिक्षा विभाग का दफ्तर बन गया, जहां के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के सभी कर्मचारी ड्रेसकोड में नजर आएंगे। प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के सपने को साकार करने में आगे रहने वाला जिला बेसिक शिक्षा विभाग अब अनुशासन में भी अन्य विभागों को पीछे कर रहा है। कभी गंदगी को लेकर सुर्खियों में रहे बेसिक शिक्षा विभाग में नवागंतुक बीएसए संजय कुमार शुक्ला ने एक ऐसी पहल की, जो अन्य विभागाध्यक्षों के लिए मिसाल बनती जा रही है।
कार्यालय परिसर का रंग-रोगन कराने के साथ ही उन्होंने जगह-जगह गमले रखवाए। साथ ही पंफ्लेट चस्पा कर पान या मसाला खाकर थूकने वालों को कार्रवाई की चेतावनी दी। कर्मचारी भी अपने अफसर के साथ कदम से कदम मिलाते हुए आगे चले। महज चंद दिनों में ही दफ्तर का कायाकल्प हो गया। सबसे गंदगी वाला दफ्तर चमक उठा।
वहीं, अब एक नई पहल करते हुए बीएसए ने सभी कर्मचारियों के लिए यूनिफार्म अलॉट कर दिया। इसमें तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों को ब्लेजर और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को स्वेटर उपलब्ध कराया गया। गुरुवार को सीडीओ देवेंद्र पांडेय ने कार्यालय पहुंचकर कर्मचारियों को ब्लेजर और स्वेटर दिए। साथ ही बीएसए के प्रयासों की खुले मन से प्रशंसा भी की। कहा कि इससे अनुशासन की भावना कर्मचारियों में आएगी।
बीएसए कार्यालय में मिली यूनिफार्म के साथ कर्मचारी व मौजूद सीडीओ,
सीडीओ ने सभी विभागाध्यक्षों के लिए बताया प्रेरणादायी, बढ़ेगा अनुशासन
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