DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Thursday, December 14, 2017

फिरोजाबाद : सचिवों को स्कूल शौचालय प्राथमिकता के आधार पर बनाने के निर्देश, स्कूलों में शौचालय न बने तो नपेंगे प्रधान और सचिव,


स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय न बनवाने वाले ग्राम प्रधान और पंचायत सचिवों की अब खैर नहीं। स्वच्छ भारत अभियान और पंचायती राज निदेशक ने दिसंबर के अंत तक सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय बनवाने के निर्देश दिए हैं। जो प्रधान और सचिव लक्ष्य पूरा नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

स्वच्छता के लिए शौचालय का विशेष महत्व है। ज्यादातर घरों में शौचालय न होने के कारण ग्रामीण खुले में शौच करने जाते हैं, लेकिन स्कूलों में शौचालयों का महत्व और भी बढ़ जाता है। स्कूलों में शौचालय न होने से बालिकाएं पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती हैं। यही वजह है कि केंद्र व प्रदेश सरकार स्कूलों में शौचालय और सफाई को लेकर विशेष जोर दे रहे है।

सोमवार को मिशन निदेशक विजय किरन आनंद ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए स्वच्छता अभियान की समीक्षा की थी। इस दौरान उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी अशोक कुमार एवं जिला पंचायत राज अधिकारी गिरीशचंद्र को निर्देश दिए कि 31 दिसंबर तक सभी स्कूल और आंगनबाड़ी में शौचालय बनवाने का काम पूरा कराएं। उन्होंने कहा कि जो प्रधान या सचिव इस कार्य में रुचि न लें उनके खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाई करें। शौचालयों में टाइल्स लगवाने और पानी का इंतजाम करने को भी कहा गया है।

दर्जनों स्कूलों में नहीं शौचालय:

स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय बनाने के निर्देश पहले भी कई बार जारी किए गए हैं। इसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्र के दर्जनों स्कूल ऐसे हैं, जिनमें अब तक शौचालय नहीं है। जो हैं वे भी ठीक से काम नहीं करते। कई जूनियर हाई स्कूल में भी शौचालय नहीं है। स्कूलों में पानी की भी समस्या है। इसलिए जहां शौचालय हैं, वहां भी पानी की अभाव में उनका उपयोग नहीं हो पाता। ऐसे में ये शौचालय शो पीस बने रहते हैं। इसलिए प्रशासन को स्कूलों में पानी का इंतजाम भी करना होगा। डीपीआरओ का कहना है कि सभी सचिवों को स्कूल शौचालय प्राथमिकता के आधार पर बनाने के निर्देश दे दिए गए हैं।

No comments:
Write comments