स्कूली बैग के बोझ को कम करने की बात अक्सर होती है, लेकिन समुचित समाधान अब तक नहीं मिल सका है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम एक अच्छी पहल करने जा रहा है। उसके स्कूलों में अब हर शनिवार को बच्चे बिना बैग के स्कूल जाएंगे। बच्चों को बैग के बोझ के अलावा किताब व कलम से भी पूरी तरह आजादी मिलेगी। शनिवार को भी पढ़ाई होगी, लेकिन बिना बोझ वाली। निगम का कहना है कि इसी माह से यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
खेल, क्विज और अन्य एक्टीविटीज में लेंगे भाग: निगम शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों के मुताबिक यह तय किया गया है कि शनिवार को विद्यालय में मध्यांतर से पहले की कक्षाओं में क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। जिसमें बच्चों से सामाजिक विज्ञान, गणित व अन्य विषयों से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। मध्यांतर के बाद की कक्षाओं में खेलों और अन्य एक्टीविटीज से जुड़े क्रियाकलाप आयोजित होंगे ताकि बच्चों का सर्वागीण विकास सुनिश्चित किया जा सके। खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों के मध्य सामूहिकता की भावना भी जगेगी।
दिखाई जाएंगी ज्ञानवर्धक फिल्में : क्विज प्रतियोगिता और खेल क्रियाकलापों के बाद विद्यालय में ही बच्चों को ज्ञानवर्धक फिल्में भी दिखाई जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि घर में अक्सर बच्चे ज्ञानवर्धक फिल्में आदि नहीं देखते हैं। किताबों में पढ़ी चीजें बच्चंे कई बार भूल भी जाते है, लेकिन फिल्म के माध्यम से सिखाई और समझाई जाने वाली बातें उन्हें लंबे समय तक याद रहती हैं।
होंगे अनेक लाभ : दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि इस पहल से अनेक लाभ होंगे। बच्चों को हफ्ते में एक दिन बैग के बोझ से मुक्ति मिलेगी। एक दिन वे पूरी तरह रचनात्मक, क्रियात्मक, खेल और मनोरंजक गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे। इससे उनमें स्कूल और पढ़ाई को लेकर सहजता का बोध जागेगा। कम से कम एक दिन बच्चे रोचक माहौल में खुले मन से पढेंगे और काफी कुछ सीखेंगे
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